रायपुर, 20 जनवरी 2014
मुख्यमंत्री शामिल हुए समापन सामारोह मे
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि राजधानी रायपुर में हर वर्ष आयोजित होने वाली फल-फूल औरसब्जियों, वनौषधियों की प्रदर्शनी को राष्ट्रीय स्वरुप प्रदान करने के लिए राज्य सरकार हर संभव सहयोग प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री आज शाम यहां गांधी-नेहरु उद्यान में ‘फल-फूल-सब्जी प्रदर्शनी’ के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस तीन दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन रायपुर की ‘प्रकृति की ओर सोसायटी’ द्वारा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ राज्य बागवानी मिशन, नगर निगम रायपुर और निजी क्षेत्र के उद्योग जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड के सहयोग से किया गया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान किसी भी विकसित देश के किसानों के समान उद्यानिकी और सब्जियों का बेहतर उत्पादन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी छत्तीसगढ़ के किसानों को वर्ष 2012-13 में देश में सर्वाधिक धान पैदा करने के लिए अगले माह की 10 तारीख को नई दिल्ली में ‘कृषि कर्मण’ पुरस्कार प्रदान करेंगे। डॉ. सिंह ने ‘प्रकृति की ओर सोसायटी’ के इस वार्षिक आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह आयोजन लोगों के लिए ज्ञानवर्धक और काफी उपयोगी है, यहां लोगों को उद्यानिकी और सब्जियों की विभिन्न फसलों के बारे में देखने, समझने और सीखने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी के माध्यम से बच्चों, गृहणियों, किसानों और नागरिकों को रासायनिक उर्वरकों और प्राकृतिक परिवेश में उपजायी जाने वाली फसलों के अंतर को समझने का मौका मिलता है। आयोजकों द्वारा बताया गया कि इस प्रदर्शनी में फल-फूल और सब्जियों से संबंधित 980 लोगों के प्रादर्श प्रदर्शित किए गए, जिन्हें तीन दिनों में लगभग डेढ़ लाख लोगों ने देखा।
नगर निगम रायपुर के सभापति श्री संजय श्रीवास्तव, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री अजय सिंह, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व उप महानिदेशक पद्मश्री सम्मान प्राप्त डॉ. के.एल. चड्डा और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के.पाटिल विशेष अतिथि के रुप में समारोह में उपस्थित थे। डॉ. के.एल.चड्डा ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में उद्यानिकी और सब्जियों की फसलों के उत्पादन के क्षेत्र में अच्छी प्रगति हुई है। उन्होंने प्रदेश में इन फसलों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि बेकार जमीन को इन फसलों के लिए उपयोग में लाने और सिंचाई क्षमता बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए। शहरों में इन फसलों के उत्पादन में उपयोग में लायी जाने वाली उन्नत तकनीक और फसलों की उन्नत प्रजातियों का ग्रामीण क्षेत्रों में हस्तांतरण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में लीची, इमली, काजू, अनार, बेल और मशरुम के व्यापक उत्पादन के प्रयास किए जाने चाहिए। इन उत्पादों की बाजार में अच्छी मांग है, इनसे किसानों को अच्छा लाभ होगा। सब्जियों की वर्ष भर पैदावार देने वाली प्रजातियों को ग्रामीण इलाकों में प्रोत्साहित करना चाहिए। ‘प्रकृति की ओर सोसायटी’ के अध्यक्ष डॉ. ए.आर.दल्ला ने इस अवसर पर बताया कि सोसायटी द्वारा इस वर्ष घरों में सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने का अभियान प्रारंभ किया गया है। भविष्य में शहरों में उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने का अभियान प्रारंभ किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने नागरिकों और बच्चों के साथ प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने प्रदर्शनी के अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को आयोजकों की ओर से पुरस्कृत भी किया। आयोजकों द्वारा अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर ‘प्रकृति की ओर सोसायटी’ के सचिव श्री दलजीत बग्गा सहित अनेक पदाधिकारी और बड़ी संख्या में प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।