रायपुर, 17 जनवरी 2014
राज्य शासन द्वारा पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिए छत्तीसगढ़ के 27 में से 15 जिलों को 330 करोड़ 83 लाख रूपये मंजूर किए गए हैं। इसमें से प्रथम किश्त के रूप में 182 करोड़ 56 लाख रूपये आवंटित कर दी गयी है। इस योजना के तहत पिछड़े क्षेत्रों में अधोसंरचना कार्य और रोजगार परक कौशल प्रशिक्षण से बेरोजगार युवकों को प्रशिक्षित किया जाता है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिला कोरिया के लिए आठ करोड़ 24 लाख, जशपुर के लिए 18 करोड़ 45 लाख, रायगढ़ के लिए 20 करोड़, कोरबा के लिए 19 कारोड़ 52 लाख, बिलासपुर के लिए 19 करोड़ 49 लाख, राजनांदगांव के लिए 19 करोड़ 94 लाख, और कबीरधाम (कवर्धा) के लिए 11 करोड़ 12 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई है। इसी प्रकार महासमुन्द जिले के लिए 12 करोड़ 36 लाख, धमतरी के लिए 13 करोड़ 70 लाख, उत्तर बस्तर कांकेर के लिए 10 करोड़ 82 लाख, बस्तर के लिए 08 करोड़ 64 लाख, नारायणपुर के लिए 09 करोड़ 40 लाख और जिला दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा के लिए 10 करोड़ 87 लाख रूपये आबंटित कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार प्रदेश के पिछडे़ क्षेत्रों के समुचित विकास लिए दृढ़संकल्पित है। प्रदेश के सत्ताईस जिलों में से रायपुर, दुर्ग और जांजगीर-चांपा को छोड़कर शेष जिलों में पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि (बी.आर.जी.एफ.) योजना संचालित की जा रही है। ग्रामीण एवं पंचायत विकास विभाग के अंतर्गत क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने के उद्देश्य से पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि (बी.आर.जी.एफ.) योजना संचालित है।