बच्चों की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है बालरंग-श्री पारस जैन

समूचे भारत की सुगंध बिखेरकर समाप्त हुआ तीन दिवसीय बालरंग

भोपाल : शुक्रवार, जनवरी 17, 2014, 17:47 IST

मध्यप्रदेश सहित 11 राज्य के स्कूली विद्यार्थियों की सहभागिता के साथ 3 दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव राष्ट्रीय बालरंग 2013-14 का आज रंगारंग समापन हुआ। सामूहिक लोक-नृत्य और लघु भारत की प्रदर्शनी के साथ स्कूल शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन ने राष्ट्रीय बालरंग का समापन किया। इस अवसर पर आदिम-जाति कल्याण मंत्री श्री ज्ञान सिंह, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी भी उपस्थित थे।

ball rang
BALL RANG

श्री ज्ञान सिंह ने कहा कि विद्यार्थी, संस्कृति के सही मायने में संवाहक हैं। उन्होंने बालरंग को महान उत्सव बताते हुए कहा कि यहाँ अलग-अलग राज्य की संस्कृति को एक ही स्थान पर देखने का मौका मिलता है। श्री दीपक जोशी ने कहा कि भारत अपनी विशिष्ट कला एवं संस्कृति के लिये पहचाना जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपेक्षा की कि वे भारत की कला और संस्कृति को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जायें।

प्रारंभ में आयुक्त लोक शिक्षण श्री एस.के. पाल ने बताया कि तीन दिवसीय बालरंग के अंतर्गत विभिन्न राज्य-स्तरीय प्रतियोगिताओं में 10 संभाग के 920 विद्यार्थी ने सहभागिता की। राष्ट्रीय लोक-नृत्‍य प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश सहित 11 राज्य के 220 स्कूली विद्यार्थी ने भाग लिया। लघु भारत प्रदर्शनी में भोपाल के 2800 विद्यार्थी, शिक्षकों द्वारा 28 राज्य की प्रदर्शनी प्रस्तुत की गयी। व्यावसायिक तथा विज्ञान शिक्षा से संबंधित 24 प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें 250 विद्यार्थी ने भाग लिया। बाल पत्र, बाल न्यायालय, बाल पुलिस तथा जंगल स्काउट केम्प में 500 विद्यार्थी शामिल हुए। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के कार्यक्रम समन्वयक श्री राकेश भट्ट ने स्वागत भाषण दिया। श्री एस.के. पाल ने अतिथियों का स्वागत कर स्मृति-चिन्ह भेंट किये। अंत में श्री पारस जैन ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी विद्यार्थियों और राज्यों को पुरस्कृत किया।

इन्हें मिला पुरस्कार

श्री पारस जैन ने श्रेष्ठ समूह लोक-नृत्य के लिये 51 हजार का प्रथम पुरस्कार हिमाचल प्रदेश, 31 हजार रुपये का द्वितीय पुरस्कार छत्तीसगढ़ और 21 हजार रुपये का तृतीय पुरस्कार मध्यप्रदेश को दिया। पंजाब, गुजरात और चंडीगढ़ को 5-5 हजार रुपये का प्रोत्साहन पुरस्कार दिया गया। लघु भारत प्रदर्शनी में श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये भोपाल के शासकीय कन्या उ.मा.वि. सुल्तानिया को प्रथम, शासकीय नवीन उ.मा.वि. छोला रोड को द्वितीय, शासकीय उ.मा.वि. गाँधी नगर को तृतीय, नृत्य में शासकीय उ.मा.वि. निशातपुरा प्रथम, शासकीय नवीन उ.मा.वि. भौरी को द्वितीय, शासकीय उ.मा.वि. कोटरा सुल्‍तानाबाद को तृतीय, क्राफ्ट में शासकीय कन्या उ.मा.वि. नेहरू नगर को प्रथम, महिला आई.टी.आई. गोविंदपुरा को द्वितीय, दीपमाला बगरानी संस्कार स्कूल बैरागढ़ को तृतीय पुरस्कार दिया गया। जंगल केम्प के लिये भोपाल स्काउट एण्ड गाइड तथा चलित प्रयोगशाला के लिये शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या उ.मा.वि. बरखेड़ा भेल को विशिष्ट पुरस्कार दिये गये।