छत्तीसगढ़ में बनेगा आतंकवादी निरोधक दस्ता और साइबर क्राइम विंग – श्री रामसेवक पैकरा

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कोंडागांव, बलौदाबाजार, बेमेतरा, बालोद एवं सूरजपुर

में होगी लोक अभियोजन कार्यालय की स्थापना

वर्ष 2016 तक प्रदेश के जेलों की आवास क्षमता

करीब 14 हजार तक पहुंचाने का लक्ष्य

आगामी वित्तीय वर्ष में 14 समूह जलप्रदाय योजना का प्रावधान

गृह, जेल और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के लिए

कुल 2847 करोड़ रूपए से अधिक की अनुदान मांगे ध्वनि मत से पारित

रायपुर. 14 फरवरी 2014

छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज यहां आगामी वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए गृह, जेल और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के लिए कुल 2847 करोड़ 83 लाख 76 हजार रूपए से अधिक की अनुदान मांगे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। इसमें गृह विभाग के लिए 2243 करोड़ 35 लाख 48 हजार रूपए, गृह विभाग से संबंधित अन्य व्यय के लिए 18 करोड़ 35 लाख 78 हजार रूपए, जेल विभाग के लिए 101 करोड़ 23 लाख 75 हजार रूपए और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के लिए 484 करोड़ 88 लाख 75 हजार रूपए की राशि शामिल है।

      गृह, जेल और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री रामसेवक पैकरा ने विधानसभा में विभाग की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जबाव देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों की सुरक्षा और अपराधों पर नियंत्रण राज्य के पुलिस की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पिछले नवंबर माह में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा के शांतिपूर्ण चुनाव के लिए सुरक्षा बलों के साथ ही छत्तीसगढ़ पुलिस की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग और केंद्र सरकार, दोनों ने छत्तीसगढ़ पुलिस की प्रशंसा की है। श्री पैकरा ने सदन में बताया कि प्रदेश में आतंकवादी निरोधक दस्ते की स्थापना के लिए वर्ष 2014-15 के बजट में 85 लाख रूपए और साइबर क्राइम विंग की स्थापना के लिए करीब 34 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि नवगठित जिलों कोंडागांव, बलौदाबाजार, बेमेतरा, बालोद और सूरजपुर में लोक अभियाजन कार्यलयों की स्थापना आगामी वित्तीय वर्ष में प्रस्तावित है।

गृह विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा में गृह मंत्री ने कहा कि राज्य में पुलिस बल की संख्या बढ़ाने के लिए आगामी वित्तीय वर्ष 2014-15 के बजट में 700 नवीन पदों की स्वीकृति का प्रावधान किया गया है। साथ ही चार भारत रिजर्व बटालियन की स्थापना के लिए चार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने बताया कि पुलिस के लिए प्रशासकीय और आवासीय भवनों के निर्माण के लिए वर्ष 2014-15 के बजट में 73 करोड़ रूपए एवं थाना भवनों के निर्माण के लिए 25 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। आधुनिक हथियार, उपकरण, गोला-बारूद इत्यादि के लिए 37 करोड़ रूपए एवं वाहन खरीदी के लिए 13 करोड़ रूपए का बजट प्रस्तावित है। राज्य की स्पेशल टॉस्क फोर्स की बल संख्या में 500 नए पदों पर भर्ती के लिए 15 करोड़ 60 लाख रूपए का प्रावधान राज्य के आगामी बजट में किया गया है। उन्होंने कहा कि जेल विभाग द्वारा बंदियों के लिए अगले वित्तीय वर्ष में 238 नए बैरकों के निर्माण का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2016 तक प्रदेश के जेलों की अधिकृत आवास क्षमता 14 हजार के लगभग हो जाएगी। गृह मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ के नागरिकों की सुरक्षा में लगे दस हजार नगर सैनिकों के लिए 2014-15 के बजट में 142 करोड़ 80 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए विभागीय मंत्री श्री पैकरा ने कहा कि हैंडपंपों के माध्यम से स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए आगामी बजट में 33 करोड़ 15 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। साथ ही हैंडपंपों के संधारण के लिए साढ़े 18 करोड़ रूपए की अतिरिक्त राशि प्रावधानित है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की 3163 स्वीकृत स्थल जलप्रदाय योजनाओं को नल-जल योजनाओं के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है। श्री पैकरा ने बताया कि वर्ष 2014-15 के बजट में करीब 290 करोड़ रूपए की अनुमानित लागत की 14 समूह जलप्रदाय योजना का प्रावधान किया गया है। यह योजना नाबार्ड के ग्रामीण अधोसंरचना विकास निधि के तहत प्रस्तावित है। इसके लिए सात करोड़ रूपए का नवीन मद बनाकर राशि का प्रावधान वित्तीय वर्ष 2014-15 में किया गया है। विभिन्न नवीन एवं प्रगतिरत् समूह जलप्रदाय योजनाओं के लिए आगामी बजट में 44 करोड़ 42 लाख रूपए प्रावधानित हैं। गृहमंत्री ने सदन में बताया कि छत्तीसगढ़ में 2169 नल-जल योजनाओं के माध्यम से राज्य की 43 लाख से अधिक ग्रामीण आबादी को पाइपों के जरिए जलापूर्ति की जा रही है, जो प्रदेश की ग्रामीण आबादी का करीब 24 फीसदी है।

गृह, जेल और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा में श्री भूपेश बघेल, श्री महेश गागड़ा, श्री सत्यनारायण शर्मा, श्री भैयालाल राजवाड़े, श्री आर.के. राय, श्री श्यामबिहारी जायसवाल, श्री धनेन्द्र साहू, श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, श्री अरूण वोरा, डॉ. खिलावन साहू, श्री श्यामलाल कंवर, श्री दीपक बैज, श्री अंबेश जांगड़े, श्री वृहस्पति सिंह, श्री मोहन मरकाम, श्री दलेश्वर साहू, डॉ. विमल चोपड़ा एवं श्री टी.एस. सिंहदेव ने भाग लिया।