छत्तीसगढ़ की सिंचाई परियोजनाओं के लिए जल्द मिलेगी 640 करोड़ रूपए की केन्द्रीय सहायता
रायपुर..
छत्तीसगढ़ के जलसंसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कल नई दिल्ली में केन्द्रीय जलसंसाधन मंत्री श्री हरीश रावत से मुलाकात कर छत्तीसगढ़ की सिंचाई परियोजनाओं के लिए केन्द्रीय सहायता के लंबित प्रकरणों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की सिंचाई परियाजनों की लगभग 640 करोड़ रूपए की केन्द्रीय सहायता अब तक लंबित है। इस पर केन्द्रीय जलसंसाधन मंत्री श्री रावत ने सम्बंधित अधिकारियों को तत्काल लंबित सहायता राशि जारी करने के निर्देश दिये।
श्री अग्रवाल ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में लगभग 32 प्रतिशत आबादी जनजातियों की है तथा राज्य का 44 प्रतिशत भाग वनों से आच्छादित है। यहां का अधिकांश क्षेत्र वामचरम पंथ से प्रभावित है। जनजातीय क्षेत्रों के तीव्र विकास के लिए आवश्यक है कि, किसानों को कृषि कार्य के लिए पर्याप्त सिंचाई के साधन सुलभ कराये जायें। उन्होंने बताया कि, वर्ष 2013-14 में राज्य की विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं जैसे केलो परियोजना, मनियारी परियोजना, सुतियापाट मध्यम परियोजना, लद्यु सिंचाई योजना, बाढ़ प्रबंधन व अन्य योजनाओं के अतंर्गत लगभग 640 करोड़ की केन्द्रीय सहायता लंबित है। राशि नहीं मिलने से न केवल परियोजनाओं के पूर्ण होने में विलंब हो रहा है बल्कि उस क्षेत्र के विकास कार्य भी काफी प्रभावित हो रहे हैं। इस संबंध में केन्द्रीय मंत्री ने जल्द ही लंबित राशि जारी किये जाने का आश्वासन दिया।
श्री अग्रवाल ने बताया कि भारत सरकार की पूर्वी एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्रों के लिए भू-जल विकास की केन्द्रीय सहायता योजना के तहत राज्य में 50 हजार ट्यूब वेल खनन का प्रावधान रखा गया था, परंतु अब इसे घटाकर 20 हजार का दिया गया है। श्री अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे अल्प विकसित राज्य हेतु जहाँ कृषि क्षेत्र में विकास की असीमित संभावनायें हैं, भू-जल उद्धवहन योजना के लक्ष्य को कम किया जाना उचित है। केन्द्रीय मंत्री इन बातों को गंभीरता से लेते हुए आवश्यक कार्यवाही किये जाने का आश्वासन दिया।