रायपुर 09 जनवरी 2014
कृषक उत्पादक कम्पनी के लिए कृषि विभाग द्वारा बैंक ऋण पर चार प्रतिशत ब्याज अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। उप संचालक कृषि ने बताया कि इस योजना में कृषि स्नातक अथवा कृषि इंजीनियरिंग सदस्यों वाले समूहों को प्राथमिकता दी जावेगी। योजनांतर्गत ब्याज अनुदान की पात्रता भारतीय कंपनी अधिनियम में कृषक उत्पादक कंपनी के लिए निर्धारित गतिविधियों पर होगी। उन्होंने बताया कि कृषि उत्पादक कंपनी को ऋण की अधिकतम सीमा का कोई बंधन नहीं होगा परन्तु कंपनी को बैंक ऋण पर 4 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान रूपये एक करोड़ तक की ऋण राशि पर ही देय होगा जिसकी अधिकतम सीमा चार लाख रूपए तक सीमित होगी।
उप संचालक कृषि ने बताया कि एग्री-क्लीनिक, एग्री बिजनेस प्रशिक्षित युवाओं की संख्या में आशातीत वृद्धि हुई है परन्तु बैंक ऋण का ब्याज दर अधिक होने के कारण प्रशिक्षित युवक उद्यम स्थापित नहीं कर पा रहे हैं। छत्तीसगढ़ शासन की मंशा है कि ऐसे युवाओं तथा कृषक उत्पादक कंपनियों को उद्यम प्रारंभ करने हेतु ब्याज दर में अनुदान दिया जावें तो कृषि क्षेत्र में उद्यमों का विकास होगा। योजना के तहत कृषक उत्पादक कंपनी ऐसे कृषक समूह द्वारा निर्मित हो जो कृषि या अकृषि कार्य करते हों और कंपनी पंजीकृत संस्था हो जिसका वैधानिक अस्तित्व हो, कंपनी संगठन में उत्पादक कृषकों की हिस्सेदारी हो, कंपनी प्राथमिक उत्पादन, उत्पाद जैसे श्रेणीकरण, ग्रेड निर्धारण, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, विपणन आदि कार्य में संलग्न हो तथा सदस्यों के हित में कार्य करती हो। कंपनी के लाभ का अंश उत्पादक कृषकों को दिया जाता हो तथा शेष लाभांश अंश पूंजी अथवा रिजर्व में रखा जाता हो ऐसी कंपनियां इस योजना का लाभ लेने की पात्रता रखते हैं। इस योजना में कृषि स्नातक अथवा कृषि इंजीनियरिंग सदस्यों वाले समूहों को प्राथमिकता दी जावेगी आवेदकों से प्राप्त आवेदन को आवेदक द्वारा वांछित बैंक से प्राप्त ब्रीफ ओपिनियन के गुण-दोष के आधार पर प्रथम आये-प्रथम पाये के आधार पर स्वीकृत किया जावेगा। इस योजना की विस्तृत जानकारी उपसंचालक कृषि के कलेक्टोरेट परिसर कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है।