छत्तीसगढ़ में अब तक बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं : बालोद में कौव्वों की असामान्य मृत्यु की सैम्पल रिपोर्ट निगेटिव

रायपुर:-छत्तीसगढ़ में अब तक बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है। बालोद जिले में 13 कौआ एवं 274 कुक्कुट पक्षियों के मृत पाए जाने पर तत्काल नमूना जांच हेतु उच्च सुरक्षा पशु रोग निदान प्रयोगशाला भोपाल भेजा गया। जिससे प्राप्त रिपोर्ट में बर्ड फ्लू नहीं पाया गया है।
    संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने बताया कि बर्ड फ्लू को फैलने से रोकने के लिए राज्य में हरसंभव एहतियाती उपाय किए जा रहे है। पोल्ट्री फार्म एवं कुक्कुट प्रक्षेत्रों में निरंतर निगरानी रखी जा रही है। रोजाना सैम्पल भी कलेक्ट भी किए जा रहे है। राज्य के सभी सात शासकीय पोल्ट्री फार्मों में 32 हजार पक्षी है. जो स्वस्थ है। बर्ड फ्लू जांच हेतु छत्तीसगढ़ राज्य से अब तक 467 नमूने डब्ल्यूआरडीडीएल को भेजा गया है। बालोद जिले के गिधाली गांव में बीते तीन दिनों में 274 कुक्कुट  पक्षियों की असामान्य मृत्यु की जांच हेतु सैम्पल आज भोपाल भेजा गया है। बालोद जिले में असामान्य रूप से मृत पाए गए कौव्वों का जांच नमूना निगेटिव मिला है।
    

प्रदेश में इस रोग के प्रवेश को रोकने के लिए समस्त अंतर्राज्यीय सीमाओं, प्रदेश के सभी 1042 निजी बॉयलर, 42 लेयर तथा 12 ब्रीडर कुक्कुट व्यवसायियों, 7 शासकीय कुक्कुट फार्म एवं समस्त जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। जिलों के संवेदनशील क्षेत्र जैसे मुर्गी बाजार, मुर्गी फार्म, जलाशय एवं जंगली व प्रवासी पक्षी दिखाई दिए जाने वाले क्षेत्रों में सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। समस्त जिलों को कड़ाई से जैव सुरक्षा का पालन करने का निर्देश किया गया है। 
    पशुधन विभाग द्वारा समस्त जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन विभाग एवं नगरीय प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग को बर्ड फ्लू के संदर्भ में निगरानी रखने एवं निरीक्षण करने हेतु सूचित किया गया है। विभाग द्वारा समस्त जिलों में रैपिड रिस्पांस टीम गठित कर बर्ड फ्लू बीमारी की दैनिक रिपोर्टिंग की जा रही है, जिससे पक्षियों में आकस्मिक मृत्यु अथवा लक्षण दिखाई देने पर त्वरित कार्रवाई की जा सके। प्रदेश के सभी चिड़ियाघर, जंगल सफारी, राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण्य में गठित टीम द्वारा निरीक्षण कर निगरानी रखी जा रही है। 
    राज्य के लोगों, कुक्कुट पालकों तथा व्यवसायियों से अपील की गई है कि छत्तीसगढ़ राज्य में एवियन इनफ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) का प्रकाश में नहीं आया है। इस कारण किसी भी प्रकार से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। पक्षियों एवं अंडों को 70 डिग्री सेंटीग्रेड तक उबालने के उपरांत प्रयोग करने पर कोई खतरा नहीं है। राज्य शासन और रोग प्रकोप रोकने के लिए सतर्क है तथा आम नागरिकों को इससे भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने बताया कि बर्ड फ्लू मुर्गियों में तीव्र गति से फैलने वाली विषाणु जनित एवं घातक बीमारी है। बीमार मुर्गियों में दस्त होना, अंडे नहीं देना अथवा पतले छिलके का विकृत अंडा देना, सांस लेने में कठिनाइर्, मुंह व नाक से लार निकलना, सर्दी-खासी, चेहरा, गर्दन एवं आंखों में सूजन जैसे लक्षण पाए जाते हैं। इस रोग का संक्रमण प्रायः प्रवासी पक्षी के माध्यम से फैलता है। इसके अतिरिक्त बीमार पक्षियों के साथ या उसके मल-मूत्र, दाना-पानी, बर्तन के संपर्क से फैलता है। बर्ड फ्लू की पुष्टि होने पर बीमार एवं मृत पक्षियों को तुरंत मारकर गहरे गड्ढे में चूना डालकर दफन कर दिया जाना चाहिए। 
    भारत देश की अत्यधिक जनसंख्या को प्रोटीन उपलब्ध कराने की चुनौती को पूरा करने के उद्देश्य से पशुपालन विभाग द्वारा समस्त राज्यों में लघु एवं वृहद कुक्कुट पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसमें मुर्गी, पक्षियों का पालन कर उत्पादन किया जाता है। वर्तमान में देश में लगभग 1.87 करोड़ कुक्कुट संख्या है। कुक्कुट में होने वाली एक गंभीर एवं घातक बीमारी का नाम है एवियन इन्फलुईन्जा जिसे बर्ड फ्लू के नाम से जाना जाता है। इस बीमारी से अत्यधिक संख्या में मुर्गियों की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है तथा यह रोग मनुष्यों में भी संक्रमित हो सकता है। भारत देश के 9 राज्यों गुजरात, केरल, महाराष्ट,ª मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा एवं दिल्ली में बर्ड फ्लू की पुष्टि की जा चुकी है इन राज्यों में मुख्यतः कौआ, बत्तख एवं मुर्गियों में बीमारी की पुष्टि हुई हैै।