पारसनाथ सिंह
सूरजपुर से फटाफट न्यूज के लिए
छत्तीसगढ़ के उत्तरी इलाके में मिचौंग चक्रवात का असर दिख रहा है। यहां पिछले दो दिन से हल्की बारिश हो रही है और ठंडी हवाएं चल रही है। चक्रवात की वजह से अचानक ठंड बढ़ा, जिससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में गर्म कपड़ों के साथ अलाव का सहारा लेना लोगों ने शुरू कर दिया है।
खेतों में लगी खड़ी धान की फसलों को भी नुकसान पहुंचा है, क्योंकि कई किसान अब तक कटाई नहीं कर सके थे। इसके अलावा खलिहानों में रखे धान भी भीगे हैं।चक्रवात की वजह से सूरजपुर जिले में भी बादल छाए हुए हैं और मंगलवार से हल्की वर्षा हो रही है। जिला मुख्यालय के समीप के गांवों के खेतों में खड़ी धान की फसल भीगने की कई तस्वीर दिख जाएंगी।
चक्रवात की वजह से सूरजपुर जिले में भी बादल छाए हुए हैं और मंगलवार से हल्की वर्षा हो रही है। जिला मुख्यालय के समीप के गांवों के खेतों में खड़ी धान की फसल भीगने की कई तस्वीर दिख जाएंगी।
सड़क की दयनीय हालत
इसके अलावा बारिश ने सबसे बड़ी मुसीबत रामपुर गांव में खड़ी कर दी। यहां के लोगों का अपने गांव की सड़क, गली में निकालना मुश्किल हो गया है। पूरा सड़क मोटी परत वाली कीचड़ से सन गया है, और इस समस्या के जिम्मेदार जल जीवन मिशन योजना के काम में लगे लोग हैं।
रामपुर गांव में केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना के तहत लाखों रुपए की पानी टंकी बनाई जा रही है, जिसका काम अंतिम चरणों में है। उसी टंकी से घर-घर में पानी आपूर्ति के लिए हाल ही में गांव की सड़क के किनारों को जेसीबी से खोदकर पाइपलाइन बिछाया गया है, लेकिन गड्ढा खोदने और पाइपलाइन बिछाने के बाद कर्मियों ने लापरवाही बरती।
पाइपलाइन के लिए गड्ढा खोदा और उसमे पाइप भी बिछा दी, लेकिन जब गड्ढों को भरने की पारी आई तो शॉर्टकट में निपटा दिया। मतलब गड्ढा खोदने के दौरान जितनी मिट्टी बाहर निकाली गई, उस पूरी मिट्टी से गड्ढा नहीं भरा गया। अगर अनुमान लगाएं तो 30 प्रतिशत मिट्टी बाहर रह गई, जो पूरी सड़क में फैल गई। यही मिट्टी पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के पानी में भीगकर कीचड़ में तब्दील हो गई है।
चबूतरा गुणवत्ताहीन
इस समस्या का सामना जल जीवन मिशन के काम में लगे अधिकारियों, ठेकेदारों, कर्मियों को नहीं करना पड़ेगा। वो जैसा तैसा काम निपटा कर निकल लिए। अब उनकी लापरवाही की वजह से उत्पन्न हुई समस्या का सामना गांव वाले कर रहे हैं।
रामपुर गांव सूरजपुर जिला मुख्यालय के समीप ही स्थित है। मुख्यालय से दूरी लगभग 7 किलोमीटर है। फिर भी यहां जल जीवन मिशन के कार्यों में लापरवाही बरती जा रही है। पहले तो आरोप लगे कि जल आपूर्ति के लिए घर-घर में जो चबूतरा बनाया जा रहा है। “वो गुणवत्ताहीन है, ढाई बोरी सीमेंट में चबूतरा निर्माण का काम पूरा करना है, लेकिन चबूतरा की स्थिति देखकर लग नहीं रहा था कि ढाई बोरी सीमेंट का उपयोग किया गया है।”
इस मामले को लेकर एक स्थानीय पत्रकार ने पीएचई विभाग के एसडीओ से चर्चा कि तो उन्होंने बताया कि “चबूतरा निर्माण ने ढाई बोरी सिमेंट का उपयोग करना ही है, इससे कम हुआ तो गलत है।” इसके साथ ही एसडीओ ने कहा कि, “चबूतरा में सीमेंट का घोला नहीं लगाना है, ऐसा होगा तो मैं खुद हथौड़ी से तोड़ दूंगा।” इसके बाद अगले दिन विभाग के अधिकारी भी गांव में पहुंचे थे और एक चबूतरा को तोड़कर उसकी गुणवत्ता परखी।
सीसी रोड की मांग
रामपुर बस्ती में जाने के लिए मेन रोड से कच्ची सड़क है, जिसमें सिर्फ मुरम मिट्टी डला हुआ है। बारिश के दिनों में सड़क गीली हो जाती है, जिसमें चलने से लोगों को परेशानी होती है, और इन दिनों तो जल जीवन मिशन वालों ने सड़क की तस्वीर ही बदल दी है।
बता दें कि, यहां लंबे समय से सीसी सड़क की मांग की जाती रही है। पंचायत की ओर से प्रशासन को इस संबंध में आवेदन दिया गया है। बताया जाता है कि सीसी सड़क के लिए जल्द ही राशि स्वीकृत होगा और काम शुरू होगा।
बिना काम की नाली
लगभग 8 साल पहले रामपुर गांव की सड़क के दोनों ओर पानी निकासी के लिए लाखों रुपए की लागत से नाली निर्माण कराया गया है, जो शुरू से ही बिना काम की है। नाली में बारिश का, या घरों से निकलने वाला पानी बस भरता है।
लेकिन नाली के माध्यम से बहकर गांव से बाहर नहीं जाता है। कहा जाए तो नाली, सड़क पर बहने वाली पानी के लिए टंकी का काम आ रहा है। अब तो स्थिति यह है कि नाली बीच-बीच में मिट्टी से पट चुकी है। अब नाली में पानी बहना, सोचना भी गलत होगा।
समतल जमीन पर पुल
इस गांव में एक और अजूबा है। यहां गांव के मध्य में सीधी, समतल सड़क पर लाखों रुपए की लागत से पुल बनाया गया है। जिसे देखने के बाद आप भी कहेंगे कि बनवाने वाले को 21 तोपों की सलामी, और इस काम को पास करने वाले सरकारी अधिकारी को अवार्ड से नवाजा जाए। कुल मिलाकर लाखों रूपए पैसे की बर्बादी हो गई। जहां पुल की जरूरत नहीं थी वहां पुल बन गई।
नई सरकार से उम्मीद
रामपुर गांव प्रेमनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में यहां के सिटिंग एमएलए खेलसाय सिंह (कांग्रेस) को भूलन सिंह मरावी (भाजपा) ने हरा दिया।
इस गांव के लोगों में पूर्व विधायक खेलसाय सिंह के प्रति नाराजगी थी। वो चुनाव जीतने के बाद एक बार भी गांव में नहीं पहुंचे और ना ही गांव के विकास को लेकर कोई काम किया। अब नए विधायक भूलन सिंह मरावी से गांव के लोगों को उम्मीदें हैं कि वो सड़क और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को दूर करेंगे।
आंगनबाड़ी, स्कूल, एसएलआरएम
रामपुर गांव में प्राइमरी स्कूल है, जहां गांव के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा मिल रही है। मिडिल और हायर सेकंडरी स्कूल पड़ोस के गांव में ही है। जिससे बच्चों को ज्यादा दूर नहीं जाना पड़ता। इसके अलावा दो आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय, एसएलआरएम सेंटर, दो सोलर नल, बिजली की सुविधा गांव में उपलब्ध है।
रामपुर गांव में प्राइमरी स्कूल है, जहां गांव के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा मिल रही है। मिडिल और हायर सेकंडरी स्कूल पड़ोस के गांव में ही है। जिससे बच्चों को ज्यादा दूर नहीं जाना पड़ता। इसके अलावा दो आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय, एसएलआरएम सेंटर, दो सोलर नल, बिजली की सुविधा गांव में उपलब्ध है।
गांव में शासन-प्रशासन द्वारा लाखों रूपये की लागत से विकास के कई काम कराए गए हैं, लेकिन अब तक अच्छी सड़क नसीब नहीं हुई है। जल जीवन मिशन वालों ने हल्की-फुल्की अच्छी सड़क थी, उसे भी बर्बाद कर दिया है।