सरगुज़ा के मैनपाट वनपरिक्षेत्र में हाथियों की दहशत से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। इस बार हाथियों के दल ने सोलर फेंसिंग पर पेड़ गिरा दिया और गांव में घुसकर लगभग दो दर्जन घरों को तहस-नहस कर दिया। अब इस भरी बरसात में आशियाना टूट जाने से ग्रामीण आंगनबाड़ी और स्कूलों में रात गुजारने को मजबूर हैं।
दरअसल, मैनपाट वनपरिक्षेत्र के कंडराजा ग्राम पंचायत के बरडांड और नर्बदापुर ग्राम पंचायत के मेडरढाब में बीती रात 9 गौतमी हाथियों का दल घुस गया। जहां 22 मकानों को तोड़कर गांव के आधे से ज्यादा ग्रामीणों को बेघर कर दिया। बताया गया कि इस इलाके में लगभग 2 महीने से गौतमी हाथियों का दल विचरण कर रहा है। यहां अब घर तोड़ने जैसी घटनाएं आम हो गयी हैं। वहीं वन अमला हाथियों से निपटने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है।
गुरुवार देर रात 9 गौतमी हाथियों के दल ने ग्रामीणों की सुरक्षा के लिहाज से लगाए गए सोलर फेसिंग तार पर पेड़ गिरा दिया और बरडांड और मेडरढाब गांव में प्रवेश किया। जहां 22 घरों को तोड़कर तहस-नहस कर दिया। वहीं अभी लगातार बारिश होने की वजह ग्रामीणों के पास रहने-खाने का बड़ा संकट खड़ा हो गया है। वन विभाग द्वारा जिन ग्रामीणों का मकान टूटा है उन्हें रात में आंगनबाड़ी केंद्र में शरण दिया गया है।
बताया जाता है कि हाथियों का दल दिन में रायगढ़ ज़िले के धरमजयगढ़ वनमंडल के कापू वनपरिक्षेत्र में चला जाता है और शाम होते ही मैनपाट वनपरिक्षेत्र में आ जाता है। हाथियों ने इस इलाक़े में पिछले 2 महीने में 54 घर तोड़े हैं। वहीं रात में वन अमले द्वारा हाथियों की निगरानी के लिए गश्त की जाती है। हाथियों को भगाने के लिए हो-हल्ला, साइलेंसर और टार्च का उपयोग किया जाता है, लेकिन ये सब उपाय अब फेल हो गए हैं।
इन ग्रामीणों का टूटा मकान
बालक, रामजी, रामलाल, एतवारी, रामनरेश, कविता, रामप्रकाश, उमेश, नंदलाल, बाबा, भुवनेश्वर, उमाकांत, बिलासो, कृष्णा, सुग्रीव, नारद, लोकसाय, छवन, धनु, जयनाथ, प्रेम, संतराम।