मंगलीबाई हो या नोनी बाई, हरा सोना के बढ़े दाम ने संग्राहकों में खुशियां जगाई

कोरबा

वनांचल में रहने वाले ग्रामीण तेंदूपत्ता को हरा सोना मानते हैं। गर्मी के दिनों में जब उनके पास न तो खेतों में काम होता है और न ही घर में कुछ काम तब इसी तेंदूपत्ता यानी हरा सोना का संग्रहण उन्हें मेहनत एवं संग्रहण के आधार पर पारिश्रमिक देता है। चूंकि इस बरस मौसम की मार ने किसानों को मायूस कर रखा है, ऐसे में ग्रामीण जो कि तेंदूपत्ता संग्रहण के कार्यों में जुड़े हुए रहते हैं, वे इस साल अधिक से अधिक तेंदूपत्ता संग्रहण कर फसल में हुई क्षति की भरपाई करना चाहते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह द्वारा तेंदूपत्ता प्रति मानक बोरा राशि 1200 रूपये से बढ़ाकर 1500 रूपए किए जाने की घोषणा ने संग्राहकों में खुशीयां ला दी है। संग्राहकों को जब से मालूम हुआ है कि राशि प्रति मानक बोरा बढ़ाई गई है वे तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए समय का इंतजार कर रहे हैं।

ग्राम चुहिया की मंगली बाई और लीला बाई तेंदूपत्ता संग्रहण कर उसे समिति में बेचने का कार्य वर्षों से कर रही है। एक सीजन में तीन हजार रूपए तक कमाई करने वाली इन संग्राहिकाओं का कहना है कि वे सुबह से शाम तक पत्ते तोड़कर उसे बण्डल बनाती हैं। फिर फड़ में ले जाकर बेच आती हैं। उनका अधिकांश समय वन में ही गुजरता है। मुख्यमंत्री द्वारा 1200 रूपये प्रति बोरा राशि की दर को 1500 रूपए किए जाने पर खुशी जताते हुए मंगली बाई ने इससे संग्राहकों को लाभ पहुंचने की बात कही।

ग्राम डोंगाघाट की रहने वाली वृद्धा सुदामा बाई का कोई नहीं है। वह अकेली रहती है और बताती है कि पेंशन तो हर माह तीन सौ रूपये मिल जाता है। लेकिन सिर्फ पेंशन से ही गुजारा हो पाए, ऐसा संभव नहीं है। सुदामा बाई का कहना है कि वह कई साल से तेंदूपत्ता तोड़ने का कार्य कर रही है। संग्राहकों के हित में 1200 की राशि 1500 रूपए प्रति बोरा होने पर गरीब संग्राहकों को इससे फायदा होने की बात कही। ग्राम डोंगाघाट की नोनी बाई मजदूरी के साथ-साथ तेंदूपत्ता संग्रहण का काम कई वर्षों से करती आ रही है। नोनीबाई का कहना है कि गांव में तेंदूपत्ता संग्रहण से गर्मी के दिनों में कुछ कमाई हो जाती है। एक-एक पत्तों को तोड़कर बण्डल बनाने में मेहनत लगता है। शासन ने संग्राहकों के परिश्रम का महत्व को समझते हुए राशि बढ़ाई है जा सराहनीय है।

पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के ग्राम पंचायत पाथा के वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष 61 वर्षीय कैलाश सिंह और उनकी पत्नी तीजो बाई तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य करते है। उन्होंने बताया कि गांव में लगभग 130 से 140 परिवार इस कार्य से जुड़े हुए हैं। इस वर्ष पर्याप्त बारिश नहीं होने से पहले ही ग्रामीण चिंतित है, इन परिस्थितियों में मुख्यमंत्री द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए प्रति मानक बोरा दर 12 सौ से बढ़ाकर 15 सौ रूपये किए जाने से संग्राहकों को राहत मिलने की बात कैलाश सिंह ने कही। संग्राहक कैलाश सिंह ने यह भी बताया कि गर्मी के दिनों में कई घरों में शादी विवाह होता है। ग्रामीण कर्ज में डूबे होते हैं। तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य से अतिरिक्त राशि की प्राप्ति होती है, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ पहुंचता है। इस प्रकार तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिये प्रति मानक बोरा दर में वृद्धि से जिले के वनांचल में रहने वाले सभी तेंदूपत्ता संग्राहकों को हर्ष की अनुभूति हुई है।