महासमुंद। छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर कम होने का ढिंढोरा सरकार लंबे समय से पीट रही है लेकिन एक युवक का पत्र इन दावों की पोल खोलने के लिए काफी है। संविदा नियुक्ति रद्द होने के चलते नाराज युवक ने सुसाइड नोट लिखकर कलेक्टर को सौंपने आज कलेक्टर कार्यालय पहुँच गया। हद तो तब हो गई जब कलेक्टर कार्यालय ने सुसाइड नोट रिसीव भी कर लिया। सुसाइड नोट में मुहर लगाकर रिसीविंग भी दे दी गई।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत 75 पदों पर होने वाली क्षुब्ध संविदा नियुक्ति की प्रक्रिया के रद्द होने से आवेदक ने प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए आत्महत्या की धमकी दी है। इस संबंध में आवेदक ब्रजेश ने कलेक्टर आवक-जावक कार्यालय में पत्र दिया है। बता दें कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत 75 पदों पर संविदा भर्ती के लिए जुलाई 2021 में आवेदन आमंत्रित किया गया था। जिसमें एएनएम के 21, नर्सिंग आफिसर के 31 और अन्य पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। चयन समिति ने मेरिट के आधार पर सूची जारी कर दी। उसके बाद जिले के चारों विधायकों की आपत्ति पर कलेक्टर ने समिति बनाकर जांच कराई, जिसमें त्रुटि पाये जाने पर भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी।
भर्ती प्रक्रिया रद्द होने से क्षुब्ध महासमुंद जिले के बसना के ग्राम वृंदावन में रहने वाले ब्रजेश पति ने कलेक्टर को आवेदन दिया है। 26 वर्षीय युवक ने बताया कि 2018 से लेकर आज तक उसका चौथा चयन है। उसने पत्र में आरोप लगाया कि स्थानीय विधायक के पीए (पाण्डे) और अपर कलेक्टर (ओपी कोसरिया) की मिलीभगत की वजह से चयनित होने तीन महीने बाद भी पदस्थापना आदेश नहीं दिया गया। इससे परेशान होकर आत्महत्या करने जा रहा हूं। युवक ने कहा कि मेरे सुसाइड करने के पीछे स्थानीय विधायक विनोद चन्द्राकर, पीए पाण्डे, अपर कलेक्टर ओपी कोसरिया व कलेक्टर का हाथ है। उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाये और मेरे समस्त चयनित भाई-बहनों को उनका हक मिले।