लुण्ड्रा परिक्षेत्र में हाथियों का तांडव जारी..14 दिनों में 25 मकानों को किया क्षतिग्रस्त..!

ग्रामीण दूसरों के घर व पंचायत भवन में ले रहे पनाह

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कई एकड़ फसलों को रौंदा

अम्बिकापुर

सरगुजा जिला के लुण्ड्रा वन परिक्षेत्र में 11 सदस्यीय हाथियों का तांडव जारी है। बुधवार-गुरूवार की दरम्यानी रात धौरपुर थाना क्षेत्र के नागम गांव में गज दलों ने 6 ग्रामीणों के मकान को क्षति पहुंचाई है। ग्राम में गज दलों के घुसने से बीती रात अफरा-तफरी का माहौल मच गया। ग्रामीण आनन-फानन में आवश्यक वस्तु लेकर सुरक्षित स्थान चले गये हैं। लुण्ड्रा परिक्षेत्र में हाथियों का यह कोई पहला तांडव नहीं है। इसके पूर्व भी 14 दिनों से गज दल क्षेत्र में तांडव मचा रहे हैं। वन विभाग के आंकड़ो के अनुसार गज दलों ने अब तक 25 मकानों को नुकसान पहुंचाया है और कई एकड़ गन्ना, मक्का व धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है। हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों के साथ-साथ वन विभाग के अधिकारी भी काफी परेशान हैं। बिलासपुर से आई हल्ला पार्टी की टीम को भी काफी हाथियों को भगाने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इधर विभाग के आला अधिकारियों की भी रात की नींद उड़ गई है। उन्हें यह पता नहीं कि हाथी अब किस गांव को अपना निशाना बनाने वाले हैं। पिछले 14 दिनों से वन विभाग की टीम हाथियों की निगरानी कर रही है, लेकिन उन्हे बाहर खदेडने मे कोई सफलता हासिल नहीं हो रही है।

गौरतलब है कि 11 सदस्यीय गज दल लुण्ड्रा वन परिक्षेत्र के ग्राम गगोली, किरकिमा, पसेना, रवाई, चितरपुर, सपनाभेडिया, डुमरडीह, कोयलारी सहित आसपास के अन्य गांव में उत्पात मचाने के बाद नागम ग्राम पहुंच गये हैं। बीती रात गज दलों ने 6 ग्रामीणों के मकानों को ढहा दिया। ग्रामीण किसी तरह अपनी जान बचाकर सुरक्षित स्थान पर चले गये हैं। इसके पूर्व हाथियों की झुण्ड ने ग्राम किरकिमा में घुसकर जमकर उत्पात मचाया। किरकिमा की बीच बस्ती में घुसकर पहाड़ी कोरवा परिवारों के लगभग 11 घरों को बुरी तरह से ढहा दिया था। ग्राम पंचायत लुण्ड्रा के ग्राम सरईपानी में भी हाथियों ने चार पहाड़ी कोरवाओ के घर ढहा दिये थे। इसके अलावा हाथियों ने क्षेत्र के ग्राम किरकिमा में घुसकर जमकर आतंक मचाया। हाथियों के डर से सहमे कोरवा परिवारों ने बस्ती में ही दूसरों के घरों व पंचायत भवन में शरण लिये हुये हैं। पिछले 14 दिनों से हाथियों के आतंक से दो दर्जन से अधिक गांव के लोग सहमे हुये हैं। दूसरी ओर वन विभाग द्वारा क्षेत्रवासियों की सुरक्षा का कोई मुक्कमल इंतजाम नहीं किये जाने से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ते जा रहा है। हाथियों के आतंक से भयभीत ग्रामीण घर से बेघर होने पर बस्ती में ही दूसरों के घर एवं पंचायत भवन में शरण लिये हुये हैं। नागम में गज दलों ने जगत, रामधन, पाकल, प्रीतलाल, नेत्रराम एवं सुना राम के मकान को ढहा दिया है। अभी भी हाथियों का दल नागम के पास के ही जंगल में डटा हुआ है।

हल्ला पार्टी को मिल रही सफलता-रेंजर

लुण्ड्रा वन परिक्षेत्र के वनपरिक्षेत्राधिकारी जेबी राम ने बताया कि 24 अगस्त से 11 सदस्यीय गज दलों की टीम क्षेत्र के कई गांव में लगातार तांडव मचा रहे हैं। दो दिन पहले ही बिलासपुर से आई हल्ला टीम काफी हद तक गज दलों को खदेडने में कामयाब हो रही है। जंगल में घुसने के बाद रात के समय गज दल पुन: ग्रामों में प्रवेश कर तोड़-फोड़ कर रहे हैं, जिसके कारण परेशानी बढ़ गई है। वन विभाग की टीम लगातार हाथियों के ऊपर निगरानी बनाई हुई है। हाथियों से कोई जन-धन का नुकसान न हो इसके लिये ग्रामीणों को लगातार समझाईश दी जा रही है।