आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रो मे बदहाल शिक्षा ….. कालेज तो है ,, लेकिन टीचर नही

कोरिया(बैंकुठपुर) से सोमेश पटेल की रिपोर्ट… 

JANAKPUR COLLAGE 2

शिक्षा में क्रांति लाने का दम भरने वाली राज्य सरकार कोरिया जिले के जनकपुर में बौनी नजर आ रही है वायदे अनुसार शिक्षा के स्तर को उठाने के लिएं करोड़ों रू0 की बिल्डिंग महाविद्यालय के नाम पर खड़ी तो कर दी गयी है …. लेकिन शिक्षकों की कमी ने उच्च शिक्षा की कमर ही तोड़ कर रख दी है।

 

कोरिया जिला मुख्यालय से लगभग 150 किमी दूर भरतपुर सोनहत विधानसभा  का यह क्षेत्र वर्षो सें उच्च शिक्षा की कमी का दंश झेल रहा है।  आदिवसी बाहुल्य क्षेत्र मे ही शिक्षा की अलख जगाने की तमाम दावो के बावजूद भी यंहा के छात्रो को उच्च शिक्षा के लिए बड़े शहरों की ओर रूख करना पड़ता है। इन्ही समस्याओं को दूर करने के उदेश्य से जनकपुर में शासकीय महाविद्यालय का भवन निर्माण कराया गया। निर्माण कार्य तो देर सबेर पूर्ण हो गया ,, लेकिन प्राध्यापकों  की कमी आज भी इस क्षेत्र की शिक्षा के लिए चुनौती बनी साबित हो रही है।  बात इतने मे ही खत्म नही होती है दरअसल विडंबना ये भी है कि जब परीक्षा आती है तो  छात्रों को परीक्षा देने जनकपुर से 150 किमी दूर जाना पड़ता है।

 

इस मसले पर विधायक फूलचंद सिंह से महाविद्यालय में शिक्षकों की कमी और छात्रों को परीक्षा केन्द्र नही होने से आने वाली समस्याओं के बारे में जानने का प्रयास किया गया तों उन्होने साफ – साफ कहा कि विधायक बनने से पूर्व यह महाविद्यालय एक चपरासी के बल पर चलता था जिसे मेरे प्रयास से 4-5 प्राध्यापको सहित प्रीसिपल की नियुक्ति करायी गयी, रही बात परीक्षा केन्द्र की तो अधोसरचना और स्टाप की कमी के कारण अभी तक संभव नही हो पाया है कितु अगले सत्र तक इसे भी पूरा कर लिया जायेगा।

 

बहरहाल यह तो तय है कि बिना शिक्षकों के शिक्षा भवन और शिक्षा के स्तर की कल्पना करना ही मूर्ख को समझाने जैसा है पर लेकिन जब बात जनता से सीधे – सीधे रूबरू होने की होती है तो,,  कोई भी  नेता अपनी कमियों को उजागर नही करना चाहता चाहे वह विधायक ही क्यो ना हो लेकिन उसके बाद वायदों में एक कड़ी विधायक ने और जोड़ कर जनता की आश को जरूर जगा दिया है कि आने वाले सत्र में जनकपुर-सोनहत  परीक्षा केन्द्र बनाया जायेगा।