कोरबा। कुत्ते की मौत के बाद मालिक ने जो किया उसे देखकर सब हैरान रह गए। उसने न केवल कुत्ते की अंतिम यात्रा निकाली बल्कि परिवार के सदस्य की तरह कफन-दफन कर अंतिम संस्कार भी किया। यह मामला कोरबा के ढोढ़ीपारा बस्ती का है। यहां रहने वाले कन्हैया चौहान के घर उनके साथ 17 साल से एक पालतू कुत्ता रह रहा था। उसकी मौत हो जाने पर 10 दिन बाद दशगात्र का आयोजन किया। इस दौरान मुंडन करा पिंडदान के साथ मृत कुत्ते की तस्वीर में माल्यार्पण कर उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए पूजा पाठ कर आया।
बात यहीं खत्म नहीं हुई दशगात्र के इस मौके पर बस्ती के डेढ़ सौ से अधिक लोगों को आमंत्रित कर मृत्युभोज भी कराया। बालको संयंत्र में ठेका कर्मी के रूप में कार्यरत कन्हैया ने बताया कि उसने अपने छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी में कार्यरत एक मित्र से कुत्ते का पपी लिया था। उस वक्त उसके बेटा बेटी भी छोटे थे। उनके साथ ही वह बड़ा मैं उसे अपने तीसरे बच्चे की तरह देखता था।
मेरे दोनों बच्चों को भी उस से बेहद लगाव रहा। इसलिए मैं उसकी मौत से बेहद व्यथित हूं और उसका अंतिम संस्कार उसी तरह किया जिस तरह परिवार के किसी व्यक्ति के नहीं रहने पर किया जाता है। कन्हैया की बेटी मेघा कलेक्ट्रेट में डाटा एंट्री ऑपरेटर है। उसने बताया कि उसके पिता ने कुत्ते का नाम विनी रखा था। आमतौर पर पशुओं को केवल नाम से ही पुकारा जाता है पर मेरे पिता ने नाम के साथ चौहान सरनेम भी उसे दिया था वह हमेशा विनीत चौहान कह कर ही उसे बुलाते थे।