Chhattisgarh News: खाद्यान्न अफरा-तफरी मामले में सचिव समेत 6 लोगों पर FIR, अब फूड इंस्पेक्टर के खिलाफ़ सचिव संघ ने खोला मोर्चा, की ये मांग

जशपुर (फटाफट न्यूज) | पारसनाथ सिंह

Food Chaos in Jashpur: छत्तीसगढ़ के जशपुर में सचिव संघ ने फूड इंस्पेक्टर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, मामला एक एफआईआर से जुड़ा है। बीते दिनों बगीचा ब्लॉक के एक गांव में पीडीएस दुकान से खाद्यान्न को कहीं ले जाया जा रहा था। कलेक्टर के निर्देश पर इस मामले की जांच की गई, जिसके बाद फूड इंस्पेक्टर ने गांव के सरपंच, सचिव, पीडीएस विक्रेता, स्कूल के शिक्षक समेत परिवहन करने वाले ट्रैक्टर वाहन चालक व वाहन स्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया गया। इस कार्रवाई के बाद सचिव संघ नाराज हो गया है। सचिव संघ ने उक्त ग्राम पंचायत के सचिव पर फर्जी तरीके से एफआईआर दर्ज कराने का आरोप लगाया है, और एफआईआर निरस्त करने की मांग की है। वहीं मांग पूरी नहीं होने पर काम बंद कलम बंद हड़ताल करने की चेतावनी भी दी है।

सरपंच-सचिव समेत 6 लोगों पर FIR

दरअसल, मामला बगीचा ब्लॉक के फुलझर ग्राम पंचायत का है। यहां बीते दिनों पीडीएस दुकान से खाद्यान्न की अफरा तफरी करने का मामला सामने आया था। इसके बाद फूड इंस्पेक्टर चंपाकली दिवाकर ने जांच के बाद गांव के सरपंच, सचिव, पीडीएस विक्रेता, एक शिक्षक समेत 6 लोगों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया। बता दें कि, पंचायत में ग्राम सभा के द्वारा पीडीएस विक्रेताओं की नियुक्ति हुई है। गांव में पीडीएस के खाद्यान्न वितरण व भुगतान से संबंधित सारी जवाबदेही विक्रेता की होती है। ऐसे में सचिव पर एफआईआर दर्ज होने पर सचिव संघ नाराज हो गया है।

काम बंद, कलम बंद की चेतावनी

सचिव संघ ने इसे फ़ूड इंस्पेक्टर चंपाकली दिवाकर की वैमनस्यता पूर्ण कार्रवाई बताते हुए सचिव के खिलाफ दर्ज हुए एफआईआर को तत्काल निरस्त करने की मांग की गई। इस संबंध ने सचिव संघ ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है। वहीं इस मसले पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर काम बंद कलम बंद करने की चेतावनी भी दी है।

सीईओ ने कहा?

बगीचा जनपद सीईओ विनोद सिंह ने बताया कि, उन्हे जानकारी मिली है कि, विक्रेता ट्रैक्टर के माध्यम से कुछ सामग्री कहीं ले जा रहा था। इस मामले का सन्ना तहसीलदार के द्वारा जांच किया गया था, जांच उपरांत उनके प्रतिवेदन के आधार पर खाद्य निरीक्षक के द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जिसमें सचिव का भी नाम है। उन्होंने आगे बताया कि, प्रथमा दृष्टया सचिव दोषी प्रतीत नहीं होता है, लेकिन यह जांच का विषय है। कार्यपालिक मजिस्ट्रेट द्वारा इसकी जांच की गई है, इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। मामला एसडीएम के पास है, वो अपने स्तर पर जांच कर रहे है।