अम्बिकापुर. केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन 28वें दिन भी जारी है. और किसान दिल्ली की तमाम सीमाओं पर कड़कड़ाती ठंड में भी डटे हुए है. किसानों ने आज ‘किसान दिवस’ के मौक़े पर सुबह से शाम तक उपवास रखा है. इसके साथ ही किसान संगठनों ने आंदोलन तेज करने का ऐलान किया है. जिसका असर अम्बिकापुर में भी देखने को मिला.
सरगुज़ा के अम्बिकापुर में ‘किसान दिवस’ पर ग्रामीण क्षेत्र के किसानों ने नए कृषि कानूनों के विरोध में एक दिवसीय उपवास रखा. जिसका सरगुजा कांग्रेस कमेटी ने समर्थन किया. किसानों के समर्थन में बैठे श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शफ़ी अहमद ने बताया कि भारत सरकार ने तीन किसान विरोधी बिल पास किए हैं. किसान ठंड में दिल्ली की सड़कों पर बैठे हुए है. लेकिन सरकार उनके पक्ष में नहीं, विरोध में फैसला कर रही है. भाजपा द्वारा लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है. भारत कृषि प्रधान देश है जहां 70 प्रतिशत आबादी किसानी कार्यो से जुड़ी हुई है. इसके बावजूद किसानों की बातें नहीं सुनना ये दर्शाता है कि भारतीय जनता पार्टी सूट-बूट वालों की सरकार है.
सरगुज़ा कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने बताया कि किसानों के समर्थन में उपवास है. देश का किसान काले कानूनों के विरोध कर रही है. लेकिन केंद्र सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही. इस कानून का हरियाणा-पंजाब ही नहीं पूरे देश मे विरोध हो रहा है. पूरा देश किसानों के साथ खड़ा है.
स्वास्थ्य मंत्री भी हैं उपवास
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी अन्नदाताओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ उनके आंदोलन के समर्थन में एक दिन के उपवास पर बैठे हैं.
हमारे अन्नदाताओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ उनके आंदोलन के समर्थन में 23 दिसंबर को मैं एक दिन के उपवास पर बैठ रहा हूँ।
— TS Singh Deo (@TS_SinghDeo) December 21, 2020
जो हाथ हमें अन्न देते हैं उनको मोदी सरकार ने ठंड में ठिठुरने के लिए मजबूर कर दिया है। हम सभी को किसानों के साथ हो रहे इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।