सूरजपुर..(आयुष जायसवाल).. कोरोना का कहर रोज बढ़ता जा रहा है.. देश मे इसका संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. धीरे धीरे यह शहरों से गांव की ओर भी यह अपना कदम पसार रहा है. शुरुवाती दौर में तो इसके रोकथाम के लिए सरकार, प्रशासन जोर शोर से लगी थी. लेकिन जैसे जैसे पॉजिटिव केस बढ़ रहे है उसी रफ्तार से प्रशासन और सरकार भी बेफिक्र होते जा रहे है. साथ ही प्रशासन की यह बेफिक्री पूरे जिले पर भारी ना पड़ जाए.
युवक निकला कोरोना पॉजिटिव…परिवार वालो से था सम्पर्क में और परिवार वाले थे कईओ से सम्पर्क में लेकिन अब ? –
यह मामला है सूरजपुर जिला का जहाँ 27 मई को महाराष्ट्र से जिले के सूरजपुर विकासखण्ड के ग्राम झूमरपारा ( नावापारा ) का मेडिकल स्टूडेंट 25 वर्षीय युवक अपने व्यवस्था से वापस अम्बिकापुर आया. जहां प्रशासन को सूचित कर उसे मोटरसाइकिल से उसके बड़े भाई सहित गांव के तीन लोग अलग अलग बाइक से लेने गए. साथ ही बीच में जिले के ही एक गाँव ग्राम गागीकोट में अपने रिश्तेदार के यहां खाना भी खाया. और परिवार वालो ने ऐतिहातन के तौर पर युवक को घर ना ले जाकर सूरजपुर के मानपुर रोड में स्थित निजी होटल में पेड क्वारन्टीन पर रख दिया. तथा रोज युवक को खाने पहुचाने घर से कोई ना कोई जाया करता था.
“जब सोमवार रात को एम्स रायपुर द्वारा सूरजपुर से दो लोगो के पॉजिटिव होने की पुष्टि की गई तो इनमें से एक युवक भी पॉजिटिव निकला. पॉजिटिव निकलने की जानकारी पर सूरजपुर जिला प्रशासन द्वारा तत्काल युवक को हास्पिटलाइज़ कर दिया गया.
सबसे बड़ा सवाल …कहा है जिला प्रशासन …क्यू इतने बेफिक्री से कर रहे काम –
चूंकि यह संक्रमण एक दूसरे के सम्पर्क में आने से हो रहा है. पूरे देश मे आफत मची हुई है. राज्य सरकार भी रोज गाइडलाइन जारी कर रही है. बावजूद इसके सूरजपुर जिला प्रशासन चिंतित नही दिख रहा है. चूंकि युवक अपने परिवार सहित अन्य दो – तीन लोग से भी संपर्क में आ चुका है और साथ ही उसके परिवार वाले भी रिपोर्ट आने से पहले कइयों से संपर्क में थे तो अभी तक इनकी ट्रेवल हिस्ट्री नही निकाली गई है. ना ही ऐसे लोगो का मार्किंग किया गया जिनसे युवक के परिवार वाले मिले है. इस लापरवाही को लेकर पॉजिटिव युवक के परिवार वाले भी परेशान दिख रहे है. साथ ही आस पास के क्षेत्र में भी लोगो मे ख़ौफ़ दिख रहा है. लेकिन विभाग द्वारा मात्र खाना पूर्ति के लिए परिवार सहित अन्य दो लोगो को होम क्वारन्टीन में डाल दिया गया है.
अभी तक कोई दिशा निर्देश जारी नही..अगर संक्रमण फैला तो जिम्मेदारी किसकी..
- सवाल यह भी है कि जब जानकारी के बाद भी की पॉजिटिव युवक परिवार के संपर्क में था तो नियमतः उस क्षेत्र को कंटेन्मेंट जोन घोषित क्यू नही किया गया है. अभी तक कोई कार्यवाही सम्बंधित क्षेत्र में नही देखी गई है जो जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सीधा सवाल खड़ा करता है साथ ही कितनो का सैम्पल टेस्टिंग किया जायेगा अभी तक कोई पहल नजर नही आई है..बरहाल तत्काल उक्त क्षेत्र में जिलाप्रशासन को सक्रिय होने की जरूरत है !
जांच का दायरा बस क्वारन्टीन सेंटर तक..जबकि ऐसे कितने मामले –
जानकारी के अनुसार जांच का दायरा बस जिले के क्वारन्टीन सेंटर तक ही सीमित रखा गया है जबकि पॉजिटिव केस में कई मामले ऐसे है जो रिपोर्ट आने से पहले परिवार या किसी के सम्पर्क में थे तो आखिर जांच का दायरा क्यू नही बढ़ाया जा रहा.. हालात यही रहे तो प्रशासन की लापरवाही जिलेवासियों पर भारी पड़ जाएगी…
जिले में सब खुला लेकिन नियम का पालन कही नही
- विदित हो कि जिला प्रशासन द्वारा सारे व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को खोलने के आदेश तो दे दिए गए है लेकिन नियम का पालन कही नही हो रहा.. लोग नियम तोड़ रहे है और जिला ,पुलिस प्रशासन भी नियमो का पालन कराने में पूरी नरमी बरत रही है जो आगे चलकर परेशानी का सबब ना बने.