41 लाख 34 हजार रूपये वसूली का निर्णय पारित
मनरेगा के कार्य में अनियमितता व राशि के दुरूपयोग का मामला
अम्बिकापुर-देश दीपक “सचिन”
सरगुजा जिला सीतापुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बंशीपुर अंतर्गत नोनिया टांगर में डब्ल्यू बीएम सड़क निर्माण, ग्राम ढोंडा में तट निर्माण सहित बंशीपुर में ही तटबंध निर्माण में अनियमितता की शिकायत पर जांच उपरांत आज राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी के लोकपाल मनोज पांडेय ने अवार्ड पारित करते हुये ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्र. 1 अम्बिकापुर के ईई, एसडीओ सहित कई अधिकारियों पर एफआईआर की अनुशंसा की है। मनरेगा अधिनियम के उल्लंघन के लिये विभाग के दो अधिकारियों पर एक-एक हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किये जाने की अनुशंसा भी की गई है। साथ ही अधिकारियों से 41 लाख 34 हजार रूपये वसूलने का अवार्ड पारित किया है।
लोकपाल श्री पांडेय से प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिवक्ता डीके सोनी द्वारा शिकायत की गई थी कि सीतापुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बंशीपुर अंतर्गत नोनिया टांगर में डब्ल्यू बीएम सड़क निर्माण के लिये 15 लाख 71 हजार रूपये की स्वीकृति थी। उक्त कार्य को आदेश से छ: माह के अंदर पूर्ण करना था। निर्माण एजेंसी के रूप में कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्र. 1 अम्बिकापुर के देख-रेख में कार्य प्रारंभ किया गया। समय सीमा पर कार्य पूर्ण नहीं किया गया। इसके साथ ही स्वीकृत राशि का आहरण कर गबन करने व मस्टर रोल में फर्जीवाड़ा करने के साथ-साथ रोजगार गारंटी योजना के किसी भी नियम का पालन नहीं करने की शिकायत थी। इसके अलावा ढोंढागांव में तटबंध निर्माण व बंशीपुर में तटबंध निर्माण में अनियमितता की शिकायत दी गई थी। इस शिकायत को लेकर लोकपाल द्वारा 5 नवम्बर को सभी स्थलों पर जाकर आरईएस के एसडीओ व तकनीकी सहायको की उपस्थिति में कार्यों की जांच की गई। इसके साथ ही ग्रामीणों का कथन लिया गया।
लोकपाल का कहना है कि जांच में यह स्पष्ट रूप से पाया गया कि तीनों कार्यो पर स्वीकृत राशि का कार्य पर उपयोग नहीं किया गया है। विभाग द्वारा मजदूरों की संख्या के कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये गये। जांच स्थल पर भी आरईएस के अधिकारी एसडीओ द्वारा दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कराया गया, जो मनरेगा अधिनियम का उल्लंघन है। डब्ल्यू बीएम सड़क में कार्य में अनियमितता पाई गई है। जांच में मौके पर तटबंध नहीं पाया गया। ग्रामवासियों के बताये अनुसार तटबंध मनाया गया था, पर वह डूब गया, जिसका लाभ गांव वालों को नहीं मिला। जांच में स्पष्ट रूप से पाया गया कि विभाग द्वारा स्वीकृत राशि का उपयोग नहीं किया गया और राशि में हेर-फेर किया गया है। पूरे मामले में जांच उपरांत निर्माण वर्ष में पदस्थ आरईएस के ईई आरएन चैबे एवं केडी बनौधे, एसडीओ अनिल मिश्रा, आरके चंद्रा, उप अभियंता बीके चैबे, एनके कुजूर द्वारा कार्य कराया गया। लोकपाल श्री पांडेय ने अवार्ड पारित करते हुये कहा है कि उपरोक्त सभी कार्यों पर उस वक्त पदस्थ अधिकारियों द्वारा शासन द्वारा दिये गये राशि का दुरूपयोग किया गया है जो मनरेगा अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने उपरोक्त अधिकारियों से संयुक्त व पृथक-पृथक सभी कार्यों पर किये गये खर्च की राशि लगभग 41 लाख 34 हजार रूपये वसूली करने का अधि निर्णय पारित करते हुये उपरोक्त अधिकारियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाने की अनुशंसा की है।