19 घंटे तक पाइप में दौड़ता रहा करंट..हुई एक की मौत…

[highlight color=”red”]इस घटना का जिम्मेदार कौन? खड़े हुये कई सवाल[/highlight]

 

[highlight color=”black”]अम्बिकापुर[/highlight] [highlight color=”red”]”दीपक सराठे”[/highlight]

 

बुधवार की सुबह लगभग 11 बजे नगर के मां समलाया मंदिर के सामने स्थित ट्रांसपोर्ट कंपनी के गोदाम से लगे शेड व लोहे की पाइप को पकड़ते ही एक परिचालक की मौके पर ही मौत हो गई। जानकर आश्चर्य होगा कि उस लोहे के पाइप में पिछले 19 घंटे से करंट प्रवाहित था। दरअसल उस लोहे के पाइप के उपर लोहे की ही सीट लगी हुई थी और उसके सम्पर्क में विद्युत पोल से गोदाम तक लायी गई विद्युत सर्विस लाइन थी। कल शाम 5 बजे से इसकी जानकारी ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक व वहां लोडिंग व अलोडिंग करवाने वाले कर्मचारी को भी थी। यहीं नहीं शाम 5 बजे कंपनी के मालिक को भी उक्त लोहे के पाइप से हल्का करंट का झटका लगा था। इसे लेकर वहां के कर्मचारी का कहना है कि उसने विद्युत विभाग में कई बार फोन लगाकर इसकी जानकारी देने की कोशिश की, परंतु बार-बार फोन व्यस्त होने के कारण किसी से सम्पर्क नहीं हो सका था। आखिर परिचालक की मौत का जिम्मेदार कौन है यह फिलहाल न सिर्फ  एक सवाल बना हुआ है, बल्कि कई सवाल खड़े भी कर रहा है।

जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले अंतर्गत गौरीगंज ग्राम डिहुआ निवासी निजामुद्दीन पिता रसूल 19 वर्ष ट्रांसपोटिंग कंपनी के ट्रक में परिचालक का काम करता था। गत रात अपने चचेरे भाई ट्रक चालक मोहम्मद तकी के साथ परचुन का सामान लेकर अम्बिकापुर के महामाया रोड़ मां समलाया मंदिर के सामने स्थित जय महाराष्ट्रा ट्रांसपोर्ट कंपनी पहुंचा था। कंपनी के गोदाम से लगे लोहे की सीट व उसके पाइप में सीट के उपर से गई विद्युत सर्विस लाइन में कट लगने व बारिश होने के कारण करंट प्रवाहित होने की जानकारी उक्त ट्रक के चालक व परिचालक को नहीं थी। आज सुबह परिचालक गोदाम के बाहर सेड के अंदर जा रहा था उसी पैर फिसलने से वह उस करंट प्रवाहित वाले पाइप को संभालने के लिए पकड़ा उसी दौरान करंट के जोरदार  झटका लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि कंपनी के मालिक संदीप को मंगलवार की शाम 5 बजे उस पाइप से करंट का हल्का झटका लगा था। वहां के कर्मचारी विक्की का कहना है कि उसने कल ही कई बार फ्यूज कॉल सेन्टर में फोन लगाकर इसकी जानकारी देनी चाही थी, परंतु लगातार फोन व्यस्त रहने के कारण विभाग के किसी कर्मचारी से उसका सम्पर्क नहीं हो सका। कंपनी का मालिक संदीप कहना है आज सुबह भी वे स्वयं विद्युत विभाग में जाकर इसकी सूचना दिये थे। बहरहाल घटना के बाद भी विद्युत कर्मी मौके पर नहीं पहुंचे तो कंपनी के कर्मचारियों ने स्वयं ही नंगी तार को खीचकर वहां से सुरिक्षत स्थान में रख दिया है।

[highlight color=”blue”]और भी हो सकती थी मौत[/highlight]

इस घटना की जानकारी लेने के लिए मौके पर पहुचे तो पता चला कि जिस स्थान पर परिचालक की मौत हुई। वहीं हर रोज कई मजदूर तपके के लोग खाना बनाने व रूकने का काम किया करते थे। मंगलवार को चुकी शाम को बारिष हो रही थी इसी कारण वष वहां कोई भी मजदूर नहीं रूका था और न ही खाना बनाने का काम किया गया था। अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर बारिष नहीं हुई होती तो कई लोग वहां रूकते और मौत संख्या बढ़ सकती थी।

[highlight color=”blue”]आखिर लापरवाही किसकी[/highlight]

इस पूरी घटना से एक बड़ा सवाल यह सामने आता है कि आखिर लापरवाही किसने बरती। जब कंपनी के मालिक व कर्मचारियों को पाइप में करंट प्रवाहित होने की जानकारी थी तो उन लोगों ने पहले से ही अन्य लोगों को आगाह क्यों नहीं किया और दूसरी तरफ लगातार फोन करने के बाद भी विद्युत विभाग का फोन हमेषा की तरह व्यस्त रहा। सुबह सूचना के बाद भी विद्युत विभाग के कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंच थे। दोनों में से दोषी कौन है यह तो जांच का विषय है, परंतु अगर दोनों ने अपनी जिम्मेदारी समय पर निभाई होती तो शायद आज परिचालक को अपनी नहीं गवांनी पड़ती।