सेनेटाइजर की कालाबाजारी पड़ा भारी.. प्रशासन ने मेडिकल स्टोर्स का लाइसेंस किया रद्द

अम्बिकापुर. खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के औषधि अनुज्ञापन अधिकारी रमिला भगत के द्वारा औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1945 के नियमावली 66 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए फार्म द्वारा औषधियों तथा सामग्रियों के क्रय-विक्रय अभिलेखों के संधारण में लापरवाही पाए जाने के कारण मेसर्स ज्योति मेडिकल स्टोर्स बौरीपारा अंबिकापुर के औषधि अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) को निरस्त कर दिया गया है.

जारी आदेशानुसार बौरीपारा में संचालित मेसर्स ज्योति मेडिकल स्टोर्स द्वारा सैनिटाइजर विक्रय में अनियमितता की शिकायत पर जाँच की गई. जांच टीम को मौके पर प्योर वेल एडवांस हैंड सैनिटाइजर 50 एमएल की 16 नग बॉटल मौजूद मिला परंतु उपरोक्त मात्रा के लेबल पर मनमानी तरीके से हस्तलिखित छेड़खानी करते हुए कुल 5 नग बॉटल में अधिकतम खुदरा मूल्य को बढ़ाते हुए 85 रुपये किया गया तथा कुल 9 नग बॉटल में अधिकतम खुदरा मूल्य को खुरचकर मिटा दिया गया एवं अन्य दो बॉटल में कंपनी लेबल अनुसार अधिकतम खुदरा मूल्य 65 रुपये अंकित मिला।

मौके पर उपरोक्त सैनिटाइजर का क्रय एवं विक्रय दस्तावेज नहीं पाया गया। अनियमितताओं के आधार पर फर्म को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। सूचना पत्र का जवाब स्पष्ट एवं संतुष्टिप्रद प्राप्त नही हुआ। कोरोना वायरस महामारी के संकट की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए मेसर्स ज्योति मेडिकल स्टोर्स का 31 दिसंबर 2021 तक वैध अनुज्ञप्ति को ओषधि अनुज्ञापन अधिकारी द्वारा तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।

अनुज्ञप्ति की मूल प्रति उपसंचालक औषधि प्रशासन कार्यालय में जमा करना होगा तथा शेष औषधियों का निपटान उचित तरीके से करना होगा।