बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति के पंडो की मौत के मामला अभी शांत भी नही हुआ था..की जिले के रामचन्द्रपुर विकासखण्ड से एक पंडो महिला से स्टाफ नर्स द्वारा दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है..जिसके बाद आनन-फानन में स्टाफ नर्स को निलंबित कर दिया गया है..वही शिशुवती पंडो महिला को बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामानुजगंज लाया गया है..
दरअसल पूरा मामला रामचंद्रपुर विकासखंड के महादेवपुर उप स्वास्थ्य केंद्र का है..जहाँ अपने घर से अस्पताल पहुँचने के दौरान रास्ते मे आज सुबह एक विशेष पिछड़ी जनजाति की महिला ने बच्चे को जन्म दिया था..और बच्चे की नाल कटवाने के लिए उपस्वास्थ्य केंद्र पहुची थी..लेकिन उस दौरान ड्यूटी पर उपस्थित महिला नर्स ने बच्चे की नाल काटने से यह कह कर मना कर दिया कि नाल काटने के बाद उसे नहाना पड़ेगा..जिसके बाद पंडो महिला अपने नवजात को लेकर वापस घर चली गई थी..लेकिन जब मामला प्रकाश में आया तब नर्स ने उक्त महिला के घर जाकर नवजात बच्चे की नाल काटी और महिला व उसके नवजात को बेहतर ईलाज के लिए रामानुजगंज स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया..वही पूरे मामले में विकासखंड चिकित्सा अधिकारी ने नर्स द्वारा किये गए कृत्यों के लिए उसे तत्काल प्रभाव से महादेवपुर उपस्वास्थ्य केंद्र से हटा दिया है..तथा कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है ।
बता दे कि प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने जिले में असमय हो रहे पंडो की मौतों पर सरकार को घेरा था..जिसके बाद अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है..और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने पंडो परिवारों की मौतों के सम्बंध में रिपोर्ट मांगी है..इसी बीच अब भाजपा ने नेता विपक्ष धरमलाल कौशिक की अगुवाई में एक टीम प्रभावित गांवों का दौरा करने भेजने वाली है..
गौरतलब है कि कल ही स्थानीय प्रशासन ने पंडो बाहुल्य क्षेत्रो में जागरूकता की कमी बताते हुए..दवा की जगह झाड़ फूक से पंडो की मौतों का हवाला दिया था..लेकिन आज जो घटनाक्रम देखने और सुनने में आया उससे लगता है..की जागरूकता की जरूरत पंडो को नही बल्कि स्वास्थ्य विभाग आन पड़ी है!..
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