छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा के बाद राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। मंगलवार देर रात को जिले के कलेक्टर कुमार लाल और SP सदानंद को हटा दिया गया है। आईएएस अधिकारी दीपक सोनी को बलौदाबाजार जिले का नया कलेक्टर बनाया गया है। विजय अग्रवाल नए एसपी होंगे। वहीं, इससे पहले पुलिस ने 83 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही अलग-अलग आठ FIR दर्ज की हैं। इसमें 40-50 नामजद लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। लगभग 60 को हिरासत में लिया है। जिनके वाहन जलाए गए हैं उनमें से 60 से अधिक लोगों ने भी शिकायत की है।
भीड़ ने गाड़ियों में की आगजनी, 50 से ज्यादा लोग घायल
बता दें कि 10 जून को बलौदाबाजार जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन के दौरान कानून व्यवस्था बिगड़ गई थी। प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त कार्यालय भवन में आग लगा दी थी। पुलिस का दावा है कि प्रदर्शनकारी अपने साथ पेट्रोल बम और पत्थर लेकर आए थे। 100 बाइक, 30 से अधिक चारपहिया और दो दमकल वाहन को आग के हवाले किया गया है। 50 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं। हिंसा होने के बाद सोमवार देर रात को गृह मंत्री विजय शर्मा ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया था।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल अमर गुफा में तोड़फोड़ और जैतखाम को तोड़ने के विरोध में सतनामी समाज ने जिले में सोमवार धरना प्रदर्शन किया था। इस दौरान प्रदेशभर से हजारों की संख्या में सतनामी समाज के लोग यहां पहुंचे और उग्र प्रदर्शन करने लगे। ये लोग अमर गुफा में तोड़फोड़ और जैतखाम को तोड़ने वाले आरोपियों को फांसी देने की मांग कर रहे थे। दशहरा मैदान में उग्र प्रदर्शन के बाद प्रदर्शनकारी कलेक्टर कार्यालय की ओर बढ़ गए। इस दौरान पुलिस और सतनामी समाज के लोगों के बीच जमकर झड़प हुई। भीड़ ने कलेक्टर परिसर में खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी।
बता दें कि सतनाम समाज के प्रवर्तक बाबा गुरु घासीदास की तपोभूमि गिरौदपुरी में है। यहां असामाजिक तत्वों ने सतनाम समाज के आस्था के केंद्र अमर गुफा में स्थित महकोनी मंदिर परिसर में 15-16 मई की रात को जमकर तांडव किया था। शिकायत के बाद पुलिस ने असामाजिक तत्वों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया। हालांकि सतनाम समाज के लोगों में गुस्सा कम नहीं हुआ है। समाज के लोग इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।
सीएम ने ली पल-पल की रिपोर्ट
बलौदाबाजार की घटना के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास में सुबह से लेकर रात तक मैराथन बैठकों का दौर चला। घटनाक्रम के बाद स्थिति का जायजा लेने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पल-पल की रिपोर्ट ली। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। साथ ही सतनामी समाज के पदाधिकारियों के साथ बैठक की।