अम्बिकापुर। मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर दवाईयों की जगह जगह जादू टोना से इलाज करने का मामला सामने आया है। यहां कैंपस के अंदर ही मरे हुए इंसान को जादू टोना से जिंदा करने का नाटक काफी देर तक चलता रहा। लेकिन उनको समझाईस देने वाला कोई नजर नहीं आया। गौरतलब है कि जिस युवक को जिंदा किया जा रहा था। उसकी सर्पदंश से मौत हो चुकी थी।
संभाग के लोगो को बेहतर स्वास्थ व्यवस्था देने के लिहाज से स्थापित अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज मे जादू टोना से इलाज करने का मामला सामने आया है। दरअसल बलरामपुर जिले के पस्ता निवासी तबरेज आलम नामक 18 वर्षीय किशोर को गुरुवार को सांप ने काट लिया था। जिसके बाद उसको राजपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्राथमिक इलाज के बाद अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल मे भर्ती कराया गया। लेकिन इलाज के दौरान आज सुबह उसकी मौत हो गई।
किशोर की मौत के बाद डाक्टरो ने उसके शव को पीएम के लिए भेज दिया। लेकिन घर वाले पीएम करवाने को तैयार नहीं थे, क्योकि वो उस वैध का इंतजार कर रहे थे। जो उनके बच्चे को झाड फूंक जादू टोना से ठीक करने पहुंचने वाला था। जिसके बाद झाड फूंक करने वाला भी पहुंचा औऱ उसने झाडफूंक भी किया, लेकिन मौत की नींद सो चुका किशोर को जिंदा नहीं कर पाया। हांलाकि बाद मे पुलिस की समझाईस पर किशोर के परिजनो को बात समझ मे आई और फिर पीएम कराकर वो शव घर लेकर रवाना हुए।
बरसात के दिनो मे सरगुजा संभाग के कई इलाको मे सर्पदंश से मौतो की संख्या मे काफी इजाफा होता है और ज्यादातर मामलो मे लोग झाडफूंक का सहारा लेते हैं और फिर लेट से अस्पताल पहुंचने के कारण सर्पदंश से घायल मरीज की मौत हो जाती है, लेकिन जब मौत मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही लोग दवा पर कम झाडफूंक पर ज्यादा विश्वास करने लगे, तो ऐसे जन जागरुकता की जरूरत बढ जाती है।