सरगुजा में खाद की किल्लत को लेकर किसानों में मचा हाहाकार, नाराज किसानों का फूटा आक्रोश

सीतापुर (फटाफट न्यूज) | अनिल उपाध्याय

विगत लंबे समय से समितियों में निर्मित खाद की किल्लत से किसानों में हाहाकार मच गया है। खाद के अभाव में कृषि कार्य प्रभावित होता देख नाराज किसानो का धैर्य जबाब देने लगा है। किसानों ने कहा कि जो खाद समिति में होना चाहिए उसे कालाबाजारियों के हवाले कर दिया गया है। ताकि समितियों में खाद की किल्लत निर्मित हो जाये और परेशान किसान मजबूरी में बाजार से महंगे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर हो जाए। खाद की किल्लत से परेशान किसानों ने इसके लिए शासन प्रशासन पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि समिति में इसी तरह अगर खाद की किल्लत बनी रही तो मजबूरन किसान उग्र आंदोलन को बाध्य होगा।
         
गौरतलब है कि खाद की आपूर्ति ठप होने की वजह से समितियों में विगत लंबे समय से खाद की किल्लत बनी हुई हैं। जिसकी वजह से किसानों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही हैं। खाद के अभाव में कृषि कार्य पिछड़ता देख मंगलवार को भारी संख्या में किसान खाद लेने सीतापुर एवं प्रतापगढ़ समिति पहुँचे थे। जहाँ सीमित मात्रा में खाद होने की वजह से गिनती के किसानों को खाद मिल पाया बाकी के किसान हाथ मलते रह गए। सुबह से अपनी बारी का इंतजार कर रहे किसानों को जब पता चला कि समिति में खाद खत्म हो गया है तब उनका आक्रोश फुट पड़ा। उन्होंने खाद की किल्लत के लिए शासन प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जो खाद समिति में होने चाहिए। उसे बिचौलियों के हवाले कर समितियों में जानबूझकर खाद की किल्लत निर्मित किया जा रहा है। ताकि खाद के चक्कर में समिति का चक्कर काटकर थक चुका किसान बिचौलियों के पास से महंगे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर हो सके।

लंबे समय से खाद की किल्लत झेल रहे रामसुंदर प्रजापति, देवसाय, अंगद राम, केवल राम समेत कई किसानों ने कहा कि खेती पिछड़ता देख मजबूरन किसान कई गुना महंगे दामों पर खाद खरीद रहे है। ताकि खेतो में खाद की जरूरत पूरी की जा सके। ऐसी स्थिति में आर्थिक रूप से कमजोर गरीब एवं छोटे तबके के किसानों का बजट बिगड़ने लगा है। जिसे देखते हुए खाद की किल्लत दूर करने पखवाड़े भर पहले किसानों ने चक्काजाम भी किया था। ताकि शासन प्रशासन किसानों की सुध लेते हुए खाद की किल्लत दूर कर सके। परंतु ऐसा हुआ नही बल्कि खाद की समस्या और बढ़ गई। खेती के दिनों में अगर खाद की समस्या इसी तरह बनी रही तो मजबूरी में किसानो को आंदोलन का रुख अख्तियार करना पड़ेगा।

इस संबंध में समिति प्रबंधक प्रतापगढ़ सुखसागर बघेल ने बताया कि समिति में खाद की आवक कम होने से खाद की किल्लत बनी हुई है। सीमित मात्रा में खाद उपलब्ध होने की वजह से गिनती के किसानों को खाद मिल पा रहा है। खाद की डिमांड की गई है आते ही किसानों को खाद प्रदाय किया जायेगा।