अम्बिकापुर..(उदयपुर/क्रांति रावत).. उदयपुर थाना क्षेत्र के ग्राम घुचापुर के जंगल के बीचोबीच एक सीधा पेड़ के नीचे नर कंकाल मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैली हुई है।
घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार 13 अगस्त को ग्राम घुचापुर से कुछ लोगों ने थाना उदयपुर आकर सूचना दिया, कि जंगल के बीचोबीच सीधा पेड़ के नीचे अज्ञात मानव कंकाल मिला है तथा कुछ दूरी पर एक साइकिल भी है। सूचना मिलने पर रात को ही सहायक उप निरीक्षक राजेन्द्र प्रताप सिंह घटना स्थल रवाना होकर घटना स्थल का मुआयना कर घटना की सूचना उच्चाधिकारियों को दी।
ततपश्चात 14 अगस्त 2021 शनिवार को एफएसएल व डॉक्टरों की टीम के साथ थाना प्रभारी धीरेंद्र नाथ दुबे दल बल सहित घटना स्थल पहुंचे। एफएसएल की टीम ने बारीकी से घटना स्थल का जायजा लिया। पुलिस अज्ञात शव मानकर जांच कर ही रही थी। इसी दौरान अज्ञात शव मिलने की सूचना पर ग्राम नुनेरा की एक महिला भी पहुंची। वहाँ मौजूद सायकिल, साफी, टी-शर्ट, बरमुड़ा तथा साल से उन्होंने पहचाना की मृतक ग्राम नुनेरा का 47 वर्षीय उसका पति राम कुमार कोर्राम है, जोकि 29 जुलाई से बिना बताए घर से लापता हो गया था। परिवार वालों द्वारा पुलिस में उसकी सूचना नहीं दी गई थी। परंतु उसका पता तलाश किया जा रहा था। शव का शिनाख्त होने पर मौके पर ही पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है।
“इस बारे में जानकारी देते हुए थाना प्रभारी धीरेंद्र नाथ दुबे ने बताया कि मृतक 29 जुलाई से अपने घर से लापता था। घर वालों वाला द्वारा पता तलाश किया जा रहा था, परंतु थाना में सूचना नहीं दी गई थी। ग्राम घुचापुर जंगल में अज्ञात शव मिलने की सूचना पर मृतक की पत्नी व चचेरा भाई घटनास्थल पहुंचे थे तथा मृतक के कपड़ों व मौके पर मौजूद साइकिल वालों ने चीजों से उसकी शिनाख्त की। मृतक की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने की बात मृतक की पत्नी द्वारा बताई गई है। इससे पूर्व भी वह 2 से 3 दिनों तक घर नहीं आया करता था। एफएसएल की टीम द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण किया गया है। डॉक्टर द्वारा घटनास्थल पर ही शव का पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मृत्यु के वास्तविक कारणों का पता चलेगा। फिलहाल परिस्थितियों को देखकर ऐसा लग रहा है कि मृतक के द्वारा पेड़ पर चढ़कर फांसी लगाई गई होगी, क्योंकि जिस पेड़ के नीचे कंकाल मिला है वहां पर पेड़ के ऊपर मृतक का एक कपड़ा बंधा हुआ है। निरीक्षण के दौरान एफएसएल टीम, डॉ अर्पित सिंह, डॉ प्रेमा कुजूर, तथा उदयपुर थाना के स्टॉफ सक्रिय रहे हैं।”