अम्बिकापुर. सरगुजा पत्रकार संघ के साथियो द्वारा शहर के गांधी चौक मे आयोजित क्रमिक भूख हडताल समाप्त कर दी गई.. सरगुजा आईजीपी द्वारा दी गई जानकारी के बाद ये आंदोलन समाप्त किया गया है. गौरतलब है पत्रकार मनीष सोनी पर एक फर्जी वीडियो के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई थी.. जिसके विरोध मे पत्रकार पिछले पांच दिनो से क्रमिक भूख हडताल मे बैठे थे.. जिनको प्रदेश भर के पत्रकारो ने समर्थन दिया था. और कांकेर औऱ कवर्धा मामले के पीडित पत्रकार भी पिछले दो दिनो से अम्बिकापुर आकर हडताल मे बैठे थे।
सरगुजा रेंज आईजी रतन लाल डांगी ने आज सरगुजा पत्रकार संघ के लोगो से मुलाकात की. और पत्रकार मनीष सोनी के खिलाफ नामजद्द रिपोर्ट से मनीष सोनी का नाम हटा दिया। इससे पहले बीते 20 अक्टूबर को कोतवाली पुलिस ने मनीष सोनी के खिलाफ एक एडिटेट वीडियो के आधार पर अम्बिकापुर महापौर डाँ अजय तिर्की की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली थी. जिसके बाद पत्रकारो ने कोतवाली थाने मे झूठा मामला वापस लेने की मांग कर की थी. और 3 दिन मे ऐसा नही होने पर क्रमिक भूख हडताल की चेतावनी दी थी. लेकिन ऐसा नही हुआ और सरगुजा पत्रकार के संघ के साथियो को मनीष सोनी के पक्ष मे क्रमिक भूख हडताल करनी पडी। और पांच दिनो तक अम्बिकापुर के गांधी चौक पर सडक किनारे बैठ कर पत्रकारो ने मनीष को न्याय दिलाने की पुरजोर मांग की. लिहाजा पुलिस ने 10 दिनो की जांच के बाद ये पाया कि महापौर डाँ अजय तिर्की द्वारा जिस फर्जी वीडियो के आधार पर एफआईआर दर्ज कराई गई है. वो वीडियो मनीष सोनी द्वारा ना ही एडिट किया गया है और ना ही कोई फेक वीडियो ने उनके द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सर्कुलेट किया गया है। इधर इस मामले मे रविवार को सरगुजा पुलिस रेंज आईजी रतन लाल डांगी ने सरगुजा ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय मे सरगुजा पत्रकार संघ के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की और ये जानकारी दी कि मनीष मामले मे संलिप्त नहीं है. इसलिए एफआईआर से उनका नाम अलग कर दिया गया है और वीडियो एडिट करने वाले असली आरोपी की तलाश शुरु कर दी गई है।
पांच दिनो तक चली क्रमिक भूख हडताल के चौथे दिन कांकेर मे कांग्रेसियो की पिटाई की पिटाई औऱ गाली गलौज के शिकार वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला , कवर्धा मे डीसीपी के द्वारा बदसलूकी औऱ मारपीट के शिकार पत्रकार प्रफुल्ल ठाकुर समेत सुकमा से लेकर सरगुजा संभाग के तमाम इलेक्ट्रानिक , वेब औऱ प्रिंट मीडिया के पत्रकारो का अम्बिकापुर मे जमावडा लगा था. इतना ही नही कुछ सामाजिक औऱ राजनैतिक संगठन के लोगो ने पत्रकारो के इस आंदोलन का समर्थन किया था. इतना ही नहीं इस कार्यक्रम मे एसिसटेंट प्रोफेसर अकील अहमद के बेवाक उद्बोधन ने पत्रकारो की हडताल मे जान फूंकने का काम किया था.. हांलाकि आज समापन के दिन भी श्री अहमद ने अपने उद्बोधन मे पत्रकारो के मंच से अम्बिकापुर की सामंतवदी व्यवस्था की परत दर परत पोल खोल दी है.. और ये बताने की कोशिश की सरगुजा की कानून व्यवस्था खराब होने के पीछे यहां की सामंतवादी व्यवस्था है।
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