अम्बिकापुर
केन्द्रीय कारगार (सेन्ट्रल जेल) अम्बिकापुर में पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम सरगुजा, अ-क्षय भारत परियोजना केयर इण्डिया एवं रायगढ़ अम्बिकापुर हेल्थ एसोशिएशन (राहा) से संयुक्त तत्वधान में कार्यशाला का आयोजन कर जेल के बंदियों को क्षय रोग की जानकारी दिया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाँ. हबीब (मेडिकल आँफीसर) ने कहा की क्षय रोग हवा के माध्यम से फैलने वाली विमारी है। किसी भी व्यक्ति को यह विमारी हो गई। और वह दवा या उपचार नहीं करा रहा है तो उसके खासने छिकने, चिल्लाने से बहुत लोग संक्रमीत हो जाते है। इस लिए कहा जाता है की दो सप्ताह से ज्यादा दिन की खाँसी होने पर वलगम का जाँच कराओं। टी0बी0 बिमारी निश्चित तौर पर रोगी दवा का सेवन करेगा तो ठिक हो जायेगा और बिमारी का जांच एवं दवा सभी शासकिय अस्पतालों में निःशुल्क मिलता है।
कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे डाँ. सुनील अग्रवाल ने कहा की क्षय रोग से स्वंम बचना है एवं समाज को भी बचाना है। जब भी कोई रोगी टी.बी. का दवा शुरु करता है तो वह धिरे-धिरे अच्छा होने लगता है पंरतु रोगी एक माह या दो माह दवा खाया तो सोचता है कि मैं स्वाथ्य हो गया और रोगी बिच में दवा छोड़ देता है जिससे मरीज में मल्टीड्रग रजीस्टेन्स हो जाता है। जो रोगी एवं चिकित्स दोनो के लिए चिंता का कारण बन जाता है इस रोग में आध अधुरा इलाज घांतक है। विशिष्ठ अतिथि अ-क्षय भारत परियोजना के परियोजना समन्वयक राज नारायण द्विवेद्वी ने कहा कि क्षय रोग के कारण प्रति 3 मिनट में दो व्यक्ति की मौत हो रही है।
एक अनुमान के अनुसार भारत वर्ष लगभग 40 प्रतिशत लोगों में क्षय रोग के किटाणु (माईक्रोवैक्टिरियम ट्रयूवरकलोसीस ) मौजुद है। अपने देश में बिमारी से मारने वाले में 17. 6 फीसदी टी.बी. मरीज है। लगभग एक हजार लोग टी.बी. बिमारी के वजह से रोजाना दम तोड़ रहे है। जिला क्षय नियंत्रण केन्दª के जैनुल फिरदौसी (डी.पी.सी.) ने कहा की अब आप सोच सकते है कि क्षय रोग का दुष्परिणाम कितना घांतक है। इसके दुष्परिणाम से समाज का कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं है क्षय रोग में भी फेफड़े की टी.बी. सबसे घांतक है। कारण की यह हवा के माध्यम से फैलने वाली बिमारी है इसके मरीज 1 वर्ष में कम से कम 10 से 15 लोगो संक्रमित करता है।
जिला क्षय नियंत्रण केन्द के हिरा राम राजवाड़े (टी.बी. एच.बी.) ने क्षय रोग एवं एच.आई.बी. एड्स सह संक्रमण पर प्रकाश डालते हुए काहा कि आज 95 प्रतिशत एड्स रोगियों का मौत का कारण टी.बी. बिमारी है। इन दोनो बिमारीयों में क्रास रेफरल एवं अनिवार्य है। टी.बी. का दवा का बार-बार प्रयोगशाला में उसके गुणवक्ता के लिए परिक्षण होते रहता है जो दवा विदेशो या बड़े शहरों में मिलता है। वही दवा जिला क्षय नियंत्रण केन्द अम्बिकापुर से मिलता है। कार्यक्रम में अभार प्रदर्शन प्रकाश वेक के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में अंकित गुप्ता का सहयोग सराहनीय रहा।