अम्बिकापुर (उदयपुर से क्रांति रावत) सरगुजा जिले के उदयपुर तहसील अंतर्गत राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को आबंटित परसा ओपन कास्ट माईन्स के भूमि अधिग्रहण और मुआवजा राशि से संबंधित सामाजिक समाघात जन सुनवाई गुरूवार को ग्राम घाटबर्रा में आयोजित की गई. जिसमें ग्रामीणों ने मुआवजा, नौकरी और वन अधिकार पत्र, पुनर्वास सहित विभिन्न मुद्दों पर प्रस्तावित खदान का जमकर विरोध करते हुए इसे निरस्त करने की मांग की है. विरोध केवल ग्रामीणों ने नहीं ब्लिक उन जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने भी किया. जिनके विरोध से मामला मे पेंच फंस सकता है.
सामाजिक समाघात जनसुनवाई में ग्रामीणों का विरोध
मुआवजा, नौकरी और वन अधिकार पत्र सहित विभिन्न मुद्दों पर विरोध
परसा कोल खदान के दूसरे फेज के लिए 348.126 हे. भूमि अधिग्रहित की जानी है इससे संबंधित सामाजिक समाघात निर्धारण के अध्ययन हेतु आयोजित जनसुनवाई में प्रभावित होने वाले हरिहरपुर, साल्ही, फतेहपुर, घाटबर्रा सहित अन्य ग्रामों के सैकड़ों ग्रामीणों ने अपनी बात रखी. गौरतलब है कि भले ही ये खदान राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की मानी जाती है. लेकिन इस पर माईनिंग से लेकर मेनेजमेंट तक का काम अदानी समूह के हाथोंं है.
कोल परियोजना क्षेत्र के छः ग्रामों मे निजी, शासकीय एवं वन भूमि सम्मिलित है. परियोजना से उत्पादित कोयले का उपयोग राजस्थान स्थित बिजली संयंत्रों में किया जायेगा. खदान के खुलने से होने वाले दुष्प्रभावों पर अपने विचार रखते हुए कई लोगों खदान को ही निरस्त करने की मांग कर डाली. कुछ लोगों ने परसा ईस्ट एवं केते बासेन कोल परियोजना की दर छः आठ और दस लाख प्रति एकड़ से दिए जाने वाले मुआवजा को कम बताते हुए इसका चार गुना मुआवजे की मांग की . इसके अतिरिक्त ग्रामीणों ने पुर्नवास से संबंधित जानकारी स्पष्ट नही होने पर अपनी नाराजगी जाहिर की. इन सबके अतिरिक्त अन्य मुद्दों पर भी लोगों ने अपनी बात रखी. ग्रामीणों की बात सुनने के बाद आईएएस आकाश छिकारा ने कहा कि ग्रामीणों की मांगों से कलेक्टर महोदय को अवगत कराया जाएगा.
जन सुनवाई में सरपंच घाटबर्रा अमरेश सिंह, जनपद सदस्य बाल साय कोर्राम, संत बिलास यादव, दिनेश यादव सहित प्रशासन की ओर से आईएएस आकाश छिकारा अनुविभागीय अधिकारी उदयपुर, तहसीलदार सुधीर खलखो सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी और सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे।