अम्बिकापुर
- 15 नवबंर 2010 को हुआ था अपहरण
- अपहरण के बाद फिरौती की रकम लेकर कि थी हत्या
- झारखंड के गढवा जिले मे मिला था शव
- स्थानिय लोगो ने घटना के विरोध मे सडको पर उतरकर जमकर किया था हंगामा
- 6 को आजीवन कारावास 2 को 7-7 की सजा़
- मनोज तिवारी नाम का एक आरोपी अब भी फरार
- 10 वर्षीय मासूम मृतक रितिक के पिता फैसले से असंतुष्ट
- रितिक की मां ने कहा फरार आरोपी के खुले आम घूमने की खबर पुलिस को भी दी गई है
करीब तीन साल चार महीने पहले अम्बिकापुर शहर में हुए हाई प्रोफाइल ऋतिक हत्याकांड मामले में आज प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीस नरेंद्र सिंह चावला ने फैसला सुनाया है,इस अपराध में शामिल सभी आठ आरोपियों को दोषी करार दिया गया है,इन में से 6 आरोपियों को आजीवन कारावास कि सजा सुनाई गई है जबकि दो अन्य आरोपियों को सात – सात साल कि सजा सुनाई गई है, साथ ही सभी आरोपियों पर पांच-पांच हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है
आरोपियों के नाम जितेन्द्र गुप्ता,रशीद मंसूरी,फारुन रशीद,प्रदीप गुप्ता,पवन गुप्ता,रितेश गुप्ता,प्रफुल्ल महतो और मनोज तिवारी हैं, इन आरोपियों में से मनोज तिवारी अभी फरार बताया जा रहा है,जिन 6 आरोपियों को आजीवन कारावास कि सजा सुनाई गई है उन पर 2010 में अम्बिकापुर के बौरी पारा इलाके का निवासी छात्र ऋतिक का अपहरण कर फ़ोरौती कि रकम लेने के बाद उसकी ह्त्या का आरोप था,जबकि दो अन्य आरोपी जिनको 7 – 7 साल कि सजा सुनाई गई है उन पर फिरौती का पैसा छुपाने और खर्च करने में मदत का आरोप था,इस हत्याकांड के बाद आरोपियों को सजा दिलाने कि मांग को लेकर पूरा शहर सड़क पर उतर गया था,इस फैसले के बाद जहाँ एक ओर शहर के लोग राहत कि सांस ले रहे हैं तो वहीँ ऋतिक के परिजन कोर्ट के इस फैसले से नाखुश नजर आ रहे हैं,उनके अनुशार इन सभी आरोपियों को मौत कि सजा मिलनी चाहिए,,,,