सूरजपुर
- सूचना के अधिकार के तहत हुआ मामले की खुलासा
- सूरजपुर के कोईलीजोर स्कुल में 56 विद्यार्थियों के पीछे 8 शिक्षक
- शिक्षा का अधिकार कानून का खूला उल्लंधन की शिकायत कलेक्टर सूरजपुर से।
- सूरजपुर विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी की कमजोर गणित पर भा आरटीआई कार्यकर्ता ने उठाया सवाल जोड़ पाने में असमर्थ।
सूरजपुर विकासखण्ड के कोईलीजोर गांव मे स्थित माध्यामिक विद्यालय व विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी सूरजपुर जिला सूरजपुर के द्वारा चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा को सूचना का अधिकार पर दी गई जानकारी में कई प्रकार की अनियमितता उजागर हुई है। इस अनियमितता के दस्तावेजो के आधार पर आरटीआई कार्यकर्ता ने सूरजपुर कलेक्टर से मांग की है ,,कि शिक्षा का अधिकार कानून में निर्धारित संख्या से अधिक शिक्षक, बिना मिनू के बच्चो को दिए जाने वाले मध्यान भोजन पर संचालक के खिलाफ कारवाही की जाए।
आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा सूरजपुर कलेक्टर को लिखा गया पत्र
आरटीआई कार्यकत्र्ता राजकुमार मिश्रा ने कलेक्टर सूरजपुर डा. श्री एस. भारतीदासन को अपने में लिखा है कि माध्यामिक विद्यालय कोईलीजोर विकास खण्ड सूरजपुर के वर्तमान प्रधान पाठक के द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता को सूचना का अधिकार पर दिनांक-16.12.2013 को जानकारी प्रदान कर लेख किया गया है कि इस विद्यालय में दर्ज छात्र-छात्राओं की कुल संख्या 56 है। विद्यालय में मध्यान भोजन मीनू अनुसार नही चलाया जा रहा है। इस जानकारी के अतिरिक्त आरटीआई कार्यकत्र्ता को विकास खण्ड षिक्षा अधिकारी सूरजपुर के द्वारा सूचना का अधिकार पर जानकारी प्रदान किया गया है कि कोईलीजोर विद्यालय में कुल 56 विद्यार्थी है व कुल 8 षिक्षक है। इस विद्यालय में कुल 5 शिक्षक होने चाहिए इस विद्यालय में 3 शिक्षक अतिशेष है। नीलेश लकड़ा, श्रीमति नीतू सिंह, अमरेंद्र पाण्डेय ये तीन शिक्षक अतिशेष है। विद्यार्थियों को चावल, दाल, सब्जी, एवं पापड़ अचार कभी-कभी दिया जाता है।
इस संबंध में प्रदान की गयी जानकारी के अनुसार वर्ष 2006 में कुल 4 शिक्षक थें। वर्ष 2009 मे प्रधान पाठक को पदस्थ किया गया,, इसके बाद अनावश्यक रूप से वर्ष 2010 में एक और वर्ष 2011 में दो अन्य शिक्षक पंचायत को को पदस्त किया गया है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम की निर्धारित अनुसूची के मुताबिक
बाल षिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 19 व 25 से निर्धारित अनुसूची के अनुसार छठवीं से आठवीं कक्षा के लिए 35 विद्यार्थियों पर एक षिक्षक होना चाहिए। जबकि उक्त कोईलीजोर माध्यमिक विद्यालय मे कुल 56 विद्यार्थियों के लिए आश्चर्यजनक रूप से 8 शिक्षक है। जिले में कई विद्यालय है जहां शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों की शिक्षा विपरीत रूप से प्रभावित हो रही है। छात्र शिक्षा से वंचित हो रहें हैं। जो बेहद दुःख और अफसोस विषय है। इतना ही नही नियम विरुद्द तरीके से शिक्षको को संल्गन करने वाले कोईलीजोर गांव के विद्यालय में 8 शिक्षक होने के बाद भी विद्यालय में छात्रों की शैक्षणिक स्थिति अनुकुल नही है। आरटीआई कार्यकर्ता ने प्रशासन को दिए अपने शिकायत पत्र में आगे लिखा कि यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि आपके जिले के विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के द्वारा प्रदान की गयी जानकारी के पेज संख्या 2 में 20 व 19 का योग 56 निकाला गया है। जिससे ऐसा प्रतीत होता है,, कि ये अधिकारी अपने काम के प्रति बेहद लापरवाह व गैर जिम्मेदार है।
आरटीआई कार्यकर्ता ने मांग की है कि,, शिक्षा का अधिकार कानून में निर्धारित संख्या से अधिक शिक्षकों का निराकरण और बिना मिनू का निम्न स्तर का मध्यान भोजन संचालित कराने के दोषियो को जल्द दण्डित किया जाए,, साथ ही इस शिकायत पत्र की गयी कार्यवाही से आरटीआई कार्यकर्ता को भी अवगत कराया जाए । पर अब देखना है कि आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा के ऐसे शिकायत पत्र के आधार पर कलेक्टर क्या कार्यवाही करते हैं।