सूरजपुर. टीकाकरण के बाद किन्ही कारणों से रुनियाडीह गांव में अलग-अलग घटनाओं में मासूम बच्चों की मौत के बाद सोमवार को फिर टीकाकरण के बाद से ही बीमार चल रहे तीन माह के मासूम बच्चे की शिशु चिकित्सालय बिलासपुर में मौत हो गई. हालांकि स्वास्थ्य महकमा टीकाकरण के कारण मौत के बाद से स्पष्ट इंकार कर रहा है.
जिला मुख्यालय से सटे करंजी चौकी क्षेत्र के ग्राम रुनियाडीह निवासी मंगल राजवाड़े के डेढ़ माह के मासूम पुत्र का टीकाकरण गांव के ही आंगनबाड़ी केंद्र में महिला स्वास्थ्य कर्मचारी द्वारा विगत 29 नवंबर को किया गया था. जिसकी मौत सोमवार को दोपहर में उपचार के दौरान शिशु चिकित्सालय बिलासपुर में हो गई.
मृतक मासूम के पिता मंगल राजवाड़े ने बताया कि टीकाकरण के बाद से ही उसके मासूम पुत्र की तबीयत खराब थी. उसे सांस लेने में तकलीफ होने और बार-बार झटका आने के कारण उन्होंने उसे विगत 22 दिसंबर को जिला चिकित्सालय सूरजपुर में भर्ती कराया था. तबीयत में सुधार नहीं होने के कारण 29 दिसंबर को वे अपने मासूम बच्चे को जिला चिकित्सालय से छुट्टी करा कर घर ले आए थे. उसके बाद भी तबीयत में सुधार नहीं होने पर उन्होंने पांच दिन पूर्व अपने मासूम बच्चे को इलाज के लिए शिशु चिकित्सालय बिलासपुर में भर्ती कराया था. जहां सोमवार को दोपहर करीब तीन बजे उसने दम तोड़ दिया.
बीते गुरुवार की रात रुनियाडीह गांव में टेकराम राजवाड़े के दो माह के मासूम पुत्र की मौत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने शुक्रवार को स्वास्थ्य महकमे पर टीकाकरण से मौत का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया था. उसके बाद से स्वास्थ्य अमले की टीम द्वारा उक्त गांव में बच्चों की सतत निगरानी की जा रही है. इसी बीच एक और मासूम बच्चे की मौत के बाद एक बार फिर ग्रामवासी दहशत में आ गए हैं.
शिशु चिकित्सालय बिलासपुर में मासूम बच्चे की मौत टीकाकरण के कारण नहीं हुई है. उसका उपचार जिला चिकित्सालय में भी किया गया था. मासूम बच्चा मेनिंजाइटिस रोग से ग्रसित था. इसी कारण उसे बार-बार झटके आ रहे थे. टीकाकरण मासूम बच्चों के लिए जीवन रक्षक है और बच्चों की जीवन रक्षा के लिए टीकाकरण अत्यंत आवश्यक है. ग्रामीण टीकाकरण से मौत की अफवाह से बचें.
डॉ. प्रशांत सिंह, बीएमओ, सूरजपुर