आठ मिठाई दुकानो पर प्रशासन की दबिश.. पर सैंपल दो का ही भेजा गया आखिर क्यों.?

महासमुंद. त्यौहारों का मौसम आते ही बाजार मे मिलावटखोरों की चहलकदमी बढ जाती है. और वो इंसान की जिंदगी मे जहर घोलने के लिए मिलावटी खाद्य प्रदार्थ बाजार मे परोसने मे कामयाब हो जाते हैं.. ऐसे ही मिलावटखोरों को रोकने के लिहाज से जिला के खाद्य और औषधि प्रशासन के अधिकारी कर्मचारियों ने शहर की कई दुकानों का औचक निरीक्षण करके मिठाईयों और अन्य खाद्य सामग्रियों का सैंपल लिया..

गौरतलब है कि त्यौहार के मौसम को देखते हुए महासमुंद मे खाद्य एवं औषधि प्रशासन अलर्ट मोड मे आया है.. इसके लिए उसने एक्सन भी शुरु कर दिया है. जिसके तहत आज विभाग के लोगो ने नकली मावा, केमिकल दूध , नकली पनीर औऱ मिठाईयों को बाजार मे आने से रोकने के लिए कार्यवाही शुरु कर दी है.. और इसके लिए विभाग के लोगो ने शहर की 8 मिठाई दुकानों मे औचक निरीक्षण भी किया गया. इस दौरान वहां की मिठाई और अन्य खाद्य सामग्री की जांच पडताल की गई है.. और इन्ही मे से 2 संदिग्ध दुकानों से खोआ और रसगुल्ले का सैम्पल लेकर उसको रायपुर स्थित लैब मे भेजा गया है..

सैंपल तो भेजते हैं.. पर होता क्या हैं ?

आम तौर पर देखा गया है कि खाद्य एंव औषधि प्रशासन द्वारा हर साल इस तरह की औपचारिक कार्यवाही की जाती है और जांच के नाम पर सैंपल लैब मे भी भेजे जाते हैं.. लेकिन जांच रिपोर्ट कब आती है और मिलावटखोरों पर क्या कार्यवाही होती है. इसका कभी पता नहीं चलता है. लिहाजा इस बार भी विभाग के अधिकारियो ने दिखावे के तौर पर दो दुकान का सैंपल जांच के लिए भेज कर खानापूर्ती तो कर दी है.. पर जांच रिपोर्ट कब और कैसी आएगी..? और दोषी पाए जाने वालो पर क्या कार्यवाही होगी ? ये सवाल हमेशा सवाल ही बना रहता है…

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