अम्बिकापुर। मणिपुर चौकी क्षेत्र में एक आदिवासी युवक से संविदा में नौकरी लगाने के नाम पर 20 हज़ार रुपए ठगी करने का मामला सामने आया है। युवक ने ठगी का आरोप अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सहायक अधीक्षक डॉक्टर अलख वर्मा पर लगाया है। पीड़ित का यह भी आरोप है कि इस मामले की शिकायत उसने स्थानीय मणिपुर चौकी में की। लेकिन वहां शिकायत नहीं लिया गया। इसके बाद पीड़ित युवक ने रेंज आईजी व ज़िले के एसपी से न्याय की गुहार लगाई है।
ये है मामला-
मैं मुण्डा जाति का आदिवासी बेरोजगार युवक हूं और कक्षा 5 वीं तक का पढ़ाई किया हूं। हास्पीटल चौक के पास स्थित दुकानों में मेहनत-मजदूरी कर अपना घर परिवार चलाता हूं। हॉस्पिटल चौक के पास काम करने के कारण मेरे को पता चला कि अस्पताल में पदस्थ डॉ. अलख वर्मा जो पहले स्वास्थ्य मंत्री के पी.ए. रह चुके हैं, के द्वारा डॉ. रवि दास के साथ मिलकर अस्पताल में जीवनदीप समिति के माध्यम से संविदा में कर्मचारी नियुक्त किया जा रहा है। जिस पर मैं पिछले दो माह से डॉ. अलख वर्मा से सम्पर्क कर मुझे संविदा में काम में रखने के लिये निवेदन कर रहा था। जिस पर डॉ. अलख वर्मा के द्वारा मुझे आश्वासन दिया जा रहा था कि डॉ. दास से चर्चा कर मुझे वार्ड ब्वाय के पद पर संविदा में काम में रख लेंगे, लेकिन उनके द्वारा मुझे काम में न रख कई लोगों को पैसा लेकर काम में रखा गया। जिस बारे में बोले जाने पर डॉ. वर्मा द्वारा मुझसे काम में रखने के एवज में 50 हजार रूपये का मांग किया गया। जिस पर मेरे द्वारा इतना रकम का व्यवस्था कर दे पाना मुश्किल होने से मोल-भाव करने पर डॉ. वर्मा 20 हजार रुपये मेरे को काम पर रखने के लिये तैयार हो गये। मेरे पास तत्काल में 20 हजार रूपये का भी रकम व्यवस्था में न होने पर दिनांक 15.04.2019 को अपने परिचित पंकज चौधरी (वकील) से 20 हजार रूपये संविदा नौकरी लगने के नाम पर उधार लेकर अर्जुन सिंह. रोहित केरकेट्टा के साथ जाकर डॉ. वर्मा को दिया, ताकि वे मेरे को संविदा में काम में रख लें।
पैसा लेने के बाद भी डॉ. वर्मा मेरे को इधर-उधर घुमाते रहे और काम पर नहीं रखे. बाद में कहने लगे कि डॉ. रवि दास 20 हजार रूपये में तैयार नहीं हो रहे हैं। जिस कारण काम में नहीं रख पा रहा हूं, यदि मैं 30 हजार रूपये और दूंगा तभी काम पर रख पायेंगे। मेरा संविदा नौकरी नहीं लगने पर पंकज चौधरी के द्वारा मुझ पर शंका किये जाने लगा कि मैं झूठ बोलकर उनसे उधार में पैसा लिया हूं, इस कारण वे अपना पैसा मेरे से मांगने लगे, तब मैं डॉ. अलख वर्मा से अपना पैसा वापस मांगने लगा। तो वे मेरे को इधर उधर घुमाने लगे। तब मैंने उन्हें बताया कि मैं 20 हजार रूपये पंकज चौधरी से लेकर दिया हूं वे अपना पैसा वापस मांग रहे हैं, तब डॉ. वर्मा मेरे को कहे कि पंकज चौधरी से मेरा बात करा देना. मैं उसको पैसा वापस कर दूंगा।
मेरे द्वारा आज सुबह 9 बजे के करीब पंकज चौधरी को जाकर बताया कि डॉ अलख वर्मा आपसे बात करने के बाद आपको ही पैसा दे देंगे। जिस पर पंकज चौधरी के द्वारा मेरे सामने सुबह 09:00 बजे के करीब फोन कर डॉ. अलख वर्मा से बात किये तो, डॉ वर्मा के द्वारा कहा गया कि कन्या परिसर रोड़ में शिव मंदिर के पास तुम लोग आ जाओं, मैं अपने हास्टल से निकल रहा हूं, वहीं पर पैसा दे दूंगा, तब मैं और पंकज चौधरी अपना पैसा लेने के लिये शिव मंदिर के पास गये, जहां पर डॉ वर्मा से मुलाकात हुआ, तब संविदा नौकरी न लगने का कारण पूछने पर वे बताये कि डॉ0 रवि दास 50 हजार रूपये से कम में नहीं मान रहे हैं जिस कारण मैं पैसा ही वापस कर दे रहा हूं, लेकिन अभी पैसा मेरे पास नहीं है, डिस्ट्रीक हॉस्पीटल में चलों वहीं डॉ. रवि दास से पैसा लेकर आप लोग को पैसा वापस कर दूंगा।
जिस पर मैं और पंकज चौधरी डॉ. वर्मा के साथ अलग-अलग गाड़ी में अस्पताल पहुंचे जहाँ मुझे और पंकज चौधरी को अस्पताल में रसोई घर के पास ले गये और हमें वहीं बैठाकर डॉ. रवि दास के पास पैसा मांगने के लिये डॉ. वर्मा चले गये कुछ देर बाद डॉ. वर्मा वापस आकर बोले कि डॉ. रवि दास से बात हुआ है, वे पैसा वापस नहीं कर रहे हैं, बल्कि 30 हजार रूपये और लेकर काम पर रखने के लिये बोल रहे हैं। जिस पर मेरे द्वारा कहा गया कि मेरे पास और देने के लिये पैसा नहीं है, इस कारण मेरा पैसा वापस कर दिजीये और पंकज चौधरी भी कहने लगे कि आपको पैसा दिये हैं तो आप ही पैसा वापस करो, इतने में डॉ. वर्मा भड़क गये और मेरे को गाली-गलौज करने लगे कि साले सरगुजिहा आदिवासी मुण्डा तुम लोग सुधर नहीं सकते हो, तुम मेरे को पैसा दिये हो उसको कौन देखा है? जाओं तुम्हारा पैसा वापस नहीं करूंगा और पंकज चौधरी भी गाली-गलौज करने लगे कि तुम्हारे में दम होगा तो जाकर डॉ रवि दास से पैसा वापस लेकर बताओं, तब तुमको जानू कि तुम कितना बहादूर हो। इस पर मैं और पंकज चौधरी उनसे सिर्फ अपना पैसा ही वापस मांगे और कहे कि क्यों विवाद कर रहे हैं, इस पर वे चिल्लाने लगे और गंदा-गंदा गाली देते हुये मारपीट करने के लिये झूमा-झपटी करने लगे। तब वहां पर गुजर रहे विकास मिश्रा और अन्य लोग आकर डॉ. वर्मा को शांत किये, तब डॉ. वर्मा कहने लगे कि तुम लोग मेरे से पैसा वापस मांगकर अच्छा काम नहीं किये हो, जहां शिकायत करना है जाकर कर लेना, लेकिन मैं तुम लोग को कैसे फंसाता हूं, ये तुम लोग भी देख लेना। डॉ. वर्मा के गाली-गलौज करने और झूठा फंसाने की धमकी पर से मैं क्षुब्ध होकर तत्काल मणिपुर पुलिस चौकी अपना शिकायत करने के लिये गया, लेकिन डॉक्टर के खिलाफ शिकायत होने की बात को लेकर मेरा शिकायत नहीं लिखा गया, बल्कि कहा गया कि बड़े अधिकारियों को शिकायत करो, वहीं के निर्देश पर कार्यवाही होगा,
तब मैं आपके समक्ष शिकायत कर रहा हूं। अतः आपसे निवेदन है कि डॉ. वर्मा के द्वारा मेरे से 20 हजार रूपया नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने और जातिगत गाली-गलौज कर अपमानित करने तथा झूठा फंसाये जाने की धमकी देने पर कार्यवाही करने की कृपा करें।