साहब अब तो व्यवस्था बना दीजिए.. कम से कम जनता का नही तो सड़को के बारे में तो सोचिये!..

सूरजपुर(आयुष जायसवाल) ..रिहायसी क्षेत्र में कोल वाहने काल बनकर दौड़ रही है.पर इन वाहनों पर कार्यवाही ही नही हो रही है..और सालो से करंजी कोल साइडिंग में अदानी व महान टू कोल खदान एवं नयनपुर वासिंग सेंटर से भारी कोल वाहनों द्वारा करंजी कोल साइडिंग में कोयला ट्रंसपोर्टिंग कराया जा रहा है …दिन और रात भर सेकेण्ड के हिसाब से भारी वाहने बेलगाम दौड़ती रहती है..लेकिन इनपर लगाम लग सके ऐसी व्यवस्था आज तक नही बन सकी..साथ ही मुख्य मार्गो में पुलिस के आँख के सामने बेधड़क और बेलगाम गति से भारी कोल वाहने दिन रात दौड़ रही है …

बता दे की पहले महान 2 की कोयला लटोरी दतिमा होते हुए सीधे करंजी साइडिंग जाती थी …लेकिन अब महान 2 की कोयला को दतिमा बिश्रामपुर होते हुए …सूरजपुर नयनपुर स्थित कोल वासिंग सेंटर ले जाया जाता है …फिर उसी कोयले को नयनपुर से बिश्रामपुर दतिमा मुख्य मार्ग से होते हुए करंजी कोल साइडिंग में ले जाया जाता है…आलम यह है कि 24 घण्टे में हर सेकंड और हर मिनट सैकड़ो गाड़िया बेलगाम दौड़ रही है …रोड में चलने वाले राहगीर व सड़क किनारे बसे आम जन व व्यवसायी डर के साय में अपना जीवन व्यतीत करने पर मजबूर है ….

प्रस्तावित स्थानों पर भी नही बन रही सड़क..और जो है वह भी हो गई है जर्जर…

दरसल कोल टॉन्सपोर्टिंग निर्माणविहीन दतिमा- बिश्रामपुर मार्ग से किया जा रहा है चुकी 2 वर्ष पूर्व इस मार्ग का निर्माण कार्य कराया जा रहा है जिसमे अभी 40 % भी काम पूरा नही हो पाया है जिसमे बिश्रामपुर बस स्टैंड से आरटीआई कालोनी तक क्रांकीट सड़क व आरटीआई कालोनी से दतिमा तक टू लेन सड़क निर्माण कार्य कराया जाना है …लेकिन अभी तक निर्माण कार्य अधूरा है ..जिसमे उसी मार्ग से ही नयनपुर (सूरजपुर) स्थित कोल वासिंग सेंटर से बिश्रामपुर मुख्य मार्ग होते हुए करंजी साइडिंग में ट्रांसपोर्टिंग किया जा रहा है ….तो आप अंदाजा लगा सकते है कि अधूरे रोड निर्माण की स्थिति क्या होगी?..साथ ही आय दिन इन भारी वाहनों के कारण दुर्घटनाएं हो रही है..लोग अपनी जान गवा रहे है..

रोड में पडते है अधिकतर स्कूल ..हजारो स्कुली बच्चे डर के साय में
धड़ल्ले से चल रही कोल ट्रांसपोर्टिंग में नयनपुर से करंजी के बीच दर्जनो शासकीय व निजी स्कूल स्थित है..जिसमे हजारो स्कुली बच्चे अध्यनरत है ….सवाल यह है कि सब कुछ जानकारी के बाद भी जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन की कोई कार्यवाही नजर नही आती है …

दिन में रिहायसी क्षेत्रों में नो एंट्री लगाने की मांग – आबादी वाले इलाको में लगभग 5 साल से इन भारी वाहनों को मनचाहा समय पर जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा ट्रांसपोर्टिंग की अनुमति दे दी गई है …क्षेत्रवासियो ने सैकड़ो बार इस मामले में प्रशासन का ध्यान अवगत कराया लेकिन प्रशासन ने इस मसले पर तनिक भी पहल करना उचित नही समझा….लोगो की मांग है कि मुख्य मार्ग व रिहायसी क्षेत्र में दिन भर इन बड़े वाहनों का नो एंट्री रहे …व रात में 9 बजे के बाद वे सुबह 6 बजे से पहले ही अनुमति प्रदान की जाए…अन्यथा क्षेत्रवासियो द्वारा जल्द ही दतिमा चौक में उग्र आंदोलन किया जायेगा…

“इन भारी कोल वाहनों के खिलाफ तत्काल ही पॉइंट लगाकर जाँच कराया जाएगा… साथ ही दिन में इन बड़ी गाडियो को नो एंट्री जोन में रखने की भी कर्यवाही की जाएगी…

मेघा टेम्भूरकर
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जिला सूरजपुर