अम्बिकापुर. समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सेवा का कार्य कर रही “एक आस” जनकल्याण संस्था जो कि महिलाओं के लिये अतिसंवेदनशील विषय कात्यायिनी (विधवा), परित्यक्तता (तलाकशुदा) के पुनरुत्थान हेतु एवं उनको पुनः समाज मे स्थापित करने के लिये नेचर्स केयर एन वेलफेयर सोसाइटी के मार्गदर्शन में यह संस्था महिलाओं को इस दंश जीवन से छुटकारा दिलाने का प्रयास कर रही. इस प्रयास को समाज का भरपूर समर्थन मिल रहा.
रविवार को साधुराम सेवाकुंज सूरजपुर में सर्व समाज प्रमुख, जनप्रतिधियों के साथ बैठक कर आगामी कार्ययोजना को तैयार किया गया. जिससे व्यापक स्तर पर विषय को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य को मूर्त आकार मिल सके. समाज के विभिन्न वर्गों गौड़, कंवर, उरांव, हरिजन के साथ ब्राह्मण, अग्रवाल, साहू, राजवाड़े, नाई, कुशवाहा, बंगाली समाजो के साथ क्रिश्चियन, जैन समाज परिवार, हरकेवल उदासीन परमार्थ आश्रम अम्बिकापुर, व आशा एसोसिएशन. इन सरगुजा एवं संभाग के जनप्रतिनिधयों के साथ विभिन्न संगठनों का व्यापक समर्थन मिल चुका है. प्रत्येक समाज के लोगों द्वारा हर सम्भव अपने स्तर पर सहयोग देने की बात कही जा रही है. सरगुजा संभाग के विभिन्न संस्थाओं व संगठनों के साथ छतीसगढ़ के संस्था भी पूर्ण सहयोग के लिये आगे आ रहे.
संस्था के प्रयास को कम समय मे ही बेहतर परिणाम मिलने शुरू हो गए है. अब तक 50-60 आवेदकों व उनके परिवार वालों के द्वारा सम्पर्क किया जा चुका है. सम्पर्क करने वालों द्वारा खुशियां जाहिर करते हुए आभार व्यक्त किया जा रहा. यह समाज के हर वर्ग जो इस कुरीति का दंश झेल रही उनके लिये जीवन का एक नया अध्याय साबित हो रहा है.
पंजीयन हेतु जल्द ही सभी जिलों में कार्यालयों का शुभारंभ किया जाएगा. साथ ही प्रत्येक जिले के लिये सम्पर्क मोबाइल नम्बर दिया जाएगा. इस कार्यक्रम को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य संस्था के सदस्य एवं सामाज के स्वयं सेवकों के साथ किया जा रहा है.