मुख्यमंत्री ने पहली लोकसभा के सांसद श्री रेशमलाल जांगड़े के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया

MP Mr Reshmlal Jangde
MP Mr Reshmlal Jangde

 रायपुर 

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन  सिंह ने राज्य के वरिष्ठ नेता और देश की पहली लोकसभा में छत्तीसगढ़ से सांसद रह चुके वयोवृद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री रेशम लाल  जांगडे के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है. श्री जांगडे का आज तड़के राजधानी रायपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में निधन हो गया। प्रथम लोकसभा के सदस्य के रूप में संसद के केन्द्रीय कक्ष में दो वर्ष पहले 13 मई 2012 को उनका अभिनन्दन भी किया गया था।

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज सवेरे रायपुर में जारी शोक-सन्देश में कहा है कि श्री जांगडे के निधन से हम सबने अपने एक वरिष्ठ और अनुभवी मार्ग दर्शक को हमेशा के

DR Raman Singh
DR Raman Singh

लिए खो दिया है, जिनके आशीर्वाद की शीतल छाया में हमें राज्य ,देश और समाज की सेवा के लिए काम करने का हौसला मिलता था .मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री रेशमलाल जांगडे के देहावसान से न सिर्फ छत्तीसगढ़ ,बल्कि पूरे देश में सिद्धांतों और नैतिक मूल्यों पर  आधारित सार्वजनिक जीवन के एक स्वर्णिम अध्याय का अंत हो गया है . डॉ.सिंह ने कहा कि सहज-सरल स्वभाव के श्री जांगडे ने अपना पूरा जीवन आम जनता की बेहतरी और विशेष रूप से किसानों,मजदूरों और समाज की अंतिम पंक्ति के लोगों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया . मुख्यमंत्री ने उनके शोक  संतप्त परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।

ज्ञातव्य है कि श्री रेशम लाल जांगडे का जन्म पन्द्रह फरवरी 1925 को तत्कालीन रायपुर जिले की बिलाईगढ़ तहसील के ग्राम परसादेह में हुआ था .उनकी प्राथमिक शिक्षा चाम्पा तहसील के ग्राम बिर्रा और बिलाईगढ़ तहसील के ग्राम नागरदा में हुई.उन्होंने पांचवीं से ग्यारहवीं तक रायपुर शहर के लारी हाई स्कूल (वर्तमान ज.ेएन.पांडे शासकीय बहूद्देश्ययीय उच्चतर माध्यमिक शाला ) में हुई .उन्होंने छत्तीसगढ़ कॉलेज रायपुर से बी.ए. और सन 1947 से 1949 तक नागपुर के विधि महाविद्यालय से एल.एल .बी. तक शिक्षा प्राप्त की. श्री जांगडे  ने स्वतंत्रता संग्राम के दिनों में महात्मा गांधी के आव्हान पर अंग्रेज हुकूमत के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन में भी हिस्सा लिया और बारह अगस्त 1942 को  गिरफ्तार होकर पन्द्रह दिन जेल में रहे। वह  सन 1952 में  देश की पहली लोक सभा के सांसद बने। श्री जांगडे 1957 में भी लोकसभा के सांसद रहे। उन्होंने तत्कालीन मध्य प्रदेश की विधान सभा में सन 1962 से 1967 तक विधायक तथा  मध्यप्रदेश सरकार के उप-मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएं दी। .इसके बाद वह सन 1985 से 1990 तक भी मध्यप्रदेश विधान सभा के सदस्य रहे। इस दौरान वर्ष 1985-86 में वह मध्यप्रदेश विधानरसभा में विपक्ष के उप नेता भी रहे। श्री जांगडे  1989 में एक बार फिर  लोक सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। लोकसभा की 60 वीं वर्षगांठ के अवसर पर 13 मई 2012 को संसद के केन्द्रीय कक्ष में पहली लोकसभा के जिन चार सदस्यों का अभिनंदन किया गया था, उनमें श्री रेशम लाल जांगड़े सहित सर्वश्री रिशांग किंशिंग, कंडाला सुब्रमणियम और कान्ते मोहन राव भी शामिल थे।