नहीं रहा पुलिस का खौफ.. फिर हुआ खाकी की इज्जत पर हमला..!

सूरजपुर

सरगुजा पुलिस रेंज के लगभग सभी थाना क्षेत्रो के आरजक तत्वों के बीच अब ना तो खाखी भय बचा है और ही इज्जत.. ऐसा इस लिए सोचना पड़ रहा है क्योकि जो खाखी हमारी रक्षा करती है उसके सम्मान के जगह असमाजिक तत्वो ने उन पर हमला शुरू कर दिया है…बात अगर उत्तर प्रदेश, बिहार या मध्यप्रदेश के बुलेल्खंड की करे तो वहाँ पुलिस पर हमला आम बात है पर छत्तीसगढ़ के सरगुजा जैसे क्षेत्र में भी अब लोग पुलिस पर हमला करने लगे है.. लिहाजा ये घटनाएं ये प्रदर्शित करते है की असामाजिक तत्वों को इतना राजनैतिक संरक्षण मिल रहा है कि इन्हें ना तो पुलिस का खौफ है और ना ही क़ानून व्यवस्था का… सरगुजा में लगातार बैंक में चोरी या चोरी का प्रयास होना, सूरजपुर के जयनगर थाने में ही पहले रैक प्वाइंट पर राखड की सप्लाई में लगे ठेकेदार के लोगो ने जयनगर पुलिस कर्मी पर हमला कर उसकी बेदम पिटाई कर दी थी और इस थाने के थानेदार की निसक्रियता के कारण मामले के आरोपी गिरफ्तार तो नहीं हुए लेकिन एक सप्ताह में ही उनकी जमानत भी हो गई थी… अपने थाने के स्टाफ की पिटाई के बाद उस समय भी थानेदार का मर्म सामने नहीं आया था..लिहाजा एक बार फिर असामाजिक तत्वों ने जयनगर थाने के ही आरक्षक की बेज्जती की है,, जांच करने गए प्रधान आरक्षक अदीप प्रताप सिंह के साथ कुछ लोगो ने गाली गलौज की है पर देखना है की पुलिस पर हो रहे हमलो के बाद ऐसे लोगो पर पुलिस क्या कार्यवाही कर सकती है …?

क्या हुआ मामला

दरअसल जयनगर थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक अदीप प्रताप सिंह एक जांच के संबंध में ग्राम लटोरी गये थे,  जहां पर उसी क्षेत्र के रहने वाले सुजीत व अन्य 3 लोगों के द्वारा शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न कर गाली गलौज किया गया। वही प्रधान आरक्षक अदीप प्रताप सिंह की रिपोर्ट पर जयनगर पुलिस ने सुजीत कुमार व अन्य 3 लोगों के विरूद्व धारा 186, 332, 353, 355, 294, 34 के तहत् मामला पंजीबद् किया है। गौरतलब है कि इस मामले के पहले भी आरक्षक की पिटाई के मामले मे पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया था, लेकिन जयनगर थाना प्रभारी की इच्छा शक्ति मे कमी के कारण उस मामले के आरोपी भी पुलिस के हत्थे नही चढ सके थे,,, तो इस मामले मे पुलिस आऱोपियो पर क्या कार्यवाही करेगी ये देखना दिलचस्प होगा।