जल संसाधन विभाग का कारनामा, शासकीय राशि के बंदरबाट के लिए स्टाप डेम के उपर बना दिया गया चेक डेम..

अम्बिकापुर 

सरगुजा जिले मे जल संसाधन विभाग के भ्रष्टाचार का खुसाला अगर हर दिन किया जाए , तो भी दिन कम पड जाएगे। क्योकि विभाग के और कारनामे का पर्दाफाश आरटीआई के तहत हुआ है। और अब इस लाखो के बंदरबांट के मामले मे ना केवल पूरी राशि के वसूली के आदेश हो चुके है,, बल्कि दोषी अधिकारियो के खिलाफ कारवाही के आदेश भी हो चुके है।

सन् 2010 मे सरगुजा के राजपुर विकासखण्ड के भिलाई खुर्द गांव मे एक चेक डेम का निर्माण जल संसाधन विभाग द्वारा कराया गया था। लेकिन 23 लाख 50 हजार की लागत से बने इस चेक डेम मे कई तकनीकी खामियां है, जिसकी वजह से इस चेक डेम मे आज तक पानी रुका ही नही । और बेहतर खेती के उद्देश्य से बनाया गया ये चेक डेम पानी ना रुकने के कारण सफेद हाथी साबित हो रहा है। इधर मनरेगा के तहत जल संसाधन विभाग द्वारा बनाए गए इस चेक डेम की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता को लगी। तो उनकी जानकारी से पूरे मामले का खुलासा ही हो गया।

भिलाई खुर्द गांव मे बने 24 लाख के इस डेम के पानी से आज तक एक डिसमिल खेत तक नही सींचा जा सका है, लिहाजा भ्रष्टाचार के इस मामले की शिकायत आरटीआई कार्यकर्ता ने सरगुजा जिला पंचायत के लोकपाल से की, तो उन्होने मामले की भौतिक सत्यापन कर अधिकारियो के खिलाफ पूरे 23 लाख 50 हजार रुपए की रिकवरी के आदेश और एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दे दिए है।

इतना ही नही भिलाई खुर्द गांव के जिस स्थान पर चेक डेम बना कर लाखो रुपए डेम के पानी की तरह बहा दिए गए है, उसी स्थान पर पहले एक स्टाप डेम भी था। बहरहाल ये सब देख कर तो लगता है कि जल संसाधन विभाग ने भ्रष्टाचार की सभी हदो का पार कर एक नया इतिहास लिखने की ही ठान ली है।

 

 

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दिनेश सोनी, आरटीआई कार्यकर्ता एंव अधिवक्ता

 

ये चेक डेम पूरी तरह से औचित्यहीन है,, इसके निर्माण के संबध मे निकाले गए दस्तावेज मे शासकीय राशि के दुरुपयोग का पता चला मामले की शिकायत उच्चाधिकारियो के साथ ही मनरेगा के लोकपाल से की गई , तो भौतिक सत्यापन के आधार पर लोकपाल ने चेक डेम के निर्माण को गलत ठहराते हुए राशि वसूली और जल संसाधन विभाग के अधिकारियो के खिलाफ कारवाही के आदेश दिए है।

 

 

 

 

 

 

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नागेन्द्र तिवारी , लोकपाल , मनरेगा, जिला पंचायत सरगुजा

 

भिलाई खुर्द गांव के जिस स्थान पर चेकडेम बनाया गया है, वंहा पर एक स्टाप डेम भी था,,इसलिए वंहा चेक डेम की आवश्यकता ही नही थी।  और अगर चेक डेम बना भी दिया गया तो उसमे यदि पानी रुकता और निर्माण को ठीक ढंग से कराया गया होता तो कोई बात नही थी। लेकिन इसके निर्माण मे अनियमितता और चेक डेम के औचित्यहीन निर्माण के कारण इसमे जल संसाधन विभाग के संबधित अधिकारियो के खिलाफ कारवाही की अनुशंसा औऱ पूरी 23 लाख की राशि वसूली के आदेश दे दिए गए है।