बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..जिले के वाड्रफनगर विकासखंड के ग्राम चपोता में वर्ष 2016 -17में 13 लाख के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है..इस मामले का खुलासा आरटीआई के जरिये हुआ है..वही ग्रामीणों ने इस मामले के शिकायत जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी से भी की है..बावजूद इसके अबतक इस मामले में किसी प्रकार का कार्यवाही नही होना समझ से परे है..
दरसल ग्राम चपोता में वर्ष 2016 -17 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कार्यो में फर्जीवाड़ा कर 13 लाख की प्रशासकीय राशि का तत्कालीन जनपद पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी व मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी ने गबन कर लिया था..
बता दे की तत्कालीन जनपद पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी व जनपद पंचायत के कार्यक्रम अधिकारी ने मनरेगा के तहत ग्राम चपोता में विभिन्न विकास कार्यो का फर्जी बिल वाऊचर लगाकर 13 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति का आहरण कर लिया था..जिसका खुलासा आरटीआई के तहत हुआ..और इस मामले की शिकायत ग्रामीणों ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से की थी..पर अबतक इस मामले में किसी प्रकार की कार्यवाही का ना होना कई सवालों को जन्म दे रहा है..
चल रहा है धमकियों का दौर..
तत्कालीन पंचायत सचिव ग्रामीणों को देता है धमकी:ग्रामीणों ने बताया कि इस मामले की शिकायत जब जिले के उच्च अधिकारियों से की गई तो पंचायत के तत्कालीन सचिव ग्रामीणों के ऊपर गाडी चढ़ाकर जान से मारने की धमकी देते थे..
अनसुलझे सवाल?..
आरईएस के एसडीओ को कहना है कि चपोता में जो सरकारी राशि का आहरण किया गया है उस कार्य की तकनीकी स्वीकृति हमारे विभाग से नही दी गई है ..सरकारी राशि का बिना कार्य किये इस तरह से बंदरबांट किये जाने के वावजूद आज भी इस कार्य मे संलिप्त अधिकारी कर्मचारी विभाग में पदस्थ है इससे लगता है कि किसी उच्च अधिकारी का आशीर्वाद प्राप्त है ..