बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..जिस तरीके 9 और 10 10 फरवरी की दरम्यानी रात से एनएच 343 ग्राम दलधोवा घाट पर 14 घण्टो तक जाम लगा रहा..जिसे लेकर प्रशासनिक अमला तहसीलदार बलरामपुर के नेतृत्व में रात जगा कर रहे थे..अगर ठीक समय पर पुलिसकर्मियों ने प्रशासन की बात सुनकर मान ली होती तो शायद यह स्थिति निर्मित ही नही होती..और लोगो को परेशानी का सामना करना नही पड़ा होता…
आरटीओ और माईनिंग डिपार्टमेंट की लापरवाही..
दरअसल जिले से होकर गुजरने वाली एनएच 343 अब भारी मालवाहक वाहनों के बढ़ते दबाव के चलते जर्जर हो चली है..बावजूद इसके आरटीओ और खनिज विभाग की अनदेखी के इस सड़क पर रोजाना ओव्हरलोड वाहनों का दबदबा बना रहता है..और ओव्हरलोड ट्रको के सड़क के बीचों बीच दुर्घटना ग्रस्त होने से जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है..जैसा कि कल सड़क जाम की स्थिति निर्मित हुई थी..
समय रहते पुलिस लाईन से नही मिली मदद..
बता दे की 9 फरवरी की रात में ही सड़क जाम होने की सूचना स्थानीय प्रशासन को मिल चूकी थी..और तहसीलदार बलरामपुर शशि शेखर मिश्रा ने मौके पर पहुँचकर पुलिस अधिकारियों से सम्पर्क किया था..पर पुलिस लाईन में उपलब्ध हाइड्रोलिक वाहन के चालक के नही होने से जाम को रात में खुलवाया नही जा सका..जबकि रात में उक्त सड़क पर ट्रैफिक का दबाव कम था..इतना ही नही 9 और 10फरवरी की रात तहसीलदार श्री मिश्रा बलरामपुर थाने भी गए..पर वहाँ उन्हें कोई नही मिला..वे घण्टो इंतजार करते रहे..बावजूद इसके उन्हें किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने उचित आश्वसन नही दिया..जिसका परिणाम राहगीरों को भुगतना पड़ा…