अच्छी स्वास्थ्य की सुविधाएं देना शासन की मूल जिम्मेदारी है: राज्यपाल श्री दत्त


छत्तीसगढ़ में चार और मेडिकल कॉलेज प्रारंभ

होंगे: मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह

पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर का

स्वर्ण जयंती समारोह

ख्याति प्राप्त चिकित्सकों का सम्मान

 

रायपुर 28 दिसम्बर 2013

 

 

छत्तीसगढ़ के सबसे पुरानेसबसे बड़े एवं प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालयरायपुर के स्वर्ण जयंती समारोह का आज सुबह राज्यपाल श्री शेखर दत्त ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने की। कार्यक्रम में राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने देश के चार ख्याति प्राप्त चिकित्सकों पद्मभूषण डॉ. आर.डी. लेलेपद्मश्री डॉ. एस.एस. यादवडॉ. सी.एच. खेत्रपालडॉ. ए. संपत कुमार का शाल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मान किया। राज्यपाल श्री शेखर दत्तमुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एवं अन्य अतिथियों ने महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती अवसर पर 50 वर्षो पर आधारित एक स्मारिका का विमोचन किया गया। उन्होंने वर्ष 1963 के प्रथम बैच के विद्यार्थियों द्वारा बनाये गये स्मारिका का भी विमोचन किया। इसी तरह उन्होेंने महाविद्यालय पर आधारित एक डाक्युमेंटरी फिल्म का भी विमोचन किया। इस अवसर पर डाक विभाग द्वारा जारी किए गए स्पेशल कवर का भी विमोचन किया गया। राज्यपाल ने समारोह में स्वर्ण जयंती स्मारक का भी उद्घाटन किया।

3162 Aसमारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री शेखर दत्त ने कहा कि मैं उन सभी महानुभावों का स्मरण कर नमन करता हूं जिन्होंने इस कालेज के स्थापना की परिकल्पना की और इसके निर्माण की पहल की। उन्होंने कहा कि हमारे प्रबुद्ध पुरखों ने सभी के सुखी रहने के लिए सभी के निरामय या स्वस्थ रहने की सीख दी थी। किसी भी देश या राज्य के नागरिकों के कल्याण के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण बात है कि वहां अच्छे चिकित्सालय हों और अच्छी हेल्थकेयर सुविधाएं हों। इसी से क्वालिटी ऑफ लाइफ निर्भर है। राज्यपाल ने उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे देश की प्रति व्यक्ति वार्षिक आय लगभग एक हजार डॉलर हैअमेरिका में यह लगभग पचास हजार डॉलर है। ऐसे अपेक्षाकृत अधिक समृद्ध देश में भी प्रेसिडेंट श्री बराक ओबामा ने पब्लिक हेल्थ को शासकीय माध्यमों से बढ़ावा देने की पुरजोर पैरवी की और इसके लिए उन्होंने चुनाव तक मे अपने प्रेसीडेंटशिप को दांव पर लगा दिया। श्री दत्त ने कहा कि लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं देना शासन की यह मूल जिम्मेदारी है और बात शासन के ध्यान में तथा केन्द्र बिंदु में हमेशा बनी रहनी चाहिए।

 

श्री दत्त ने कहा कि उनके लिए सौभाग्य की बात है कि उन्हें इस प्रतिष्ठित संस्थान के स्वर्ण जयंती समारोह के साथ-साथ रजत जयंती समारोह में भी शामिल होने का अवसर मिला है। उन्होंने स्मरण किया कि पहले मेडिकल कॉलेज का हास्पिटल दाऊ कल्याण सिंह भवन में लगता था। नया राज्य बनने के बाद यहां सचिवालय लगने लगा। नया रायपुर में सचिवालय भवन स्थानांतरित होने के बाद यह स्पष्ट नहीं था कि यहां चिकित्सालय बनेगा की नहीं राज्यपाल ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को धन्यवाद दिया कि उन्होंने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए यहां फिर से चिकित्सालय शुरू कराया। राज्यपाल ने अभनपुर के एक गांव मानिकचौरी के दानदाता किसान का उदाहरण दियाजिन्होंने वहां के स्कूल भवन में नए कमरों के निर्माण के लिए लगभग20 लाख रूपए की राशि दान कर दी। उन्होंने बताया कि जब मैंने उनकी पत्नी से पूछा गया कि शासन उनके लिए क्या कर सकती हैतो उसने बड़े संकोच से कहा कि उनके पति की बीमारी का इलाज हो जाए। राज्यपाल ने उनसे पूछा कि वे इतनी राशि दान करने की अपेक्षा वह अपने पति का इलाज क्यों नहीं करवा लेती तो उसने कहा इसके लिए उन्हें अपने खेत बेचने पड़ जाएंगे। राज्यपाल ने कहा कि हमें ऐसी व्यवस्था बनानी होगी कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पी.एच.सी) से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सी.एच.सी.)जिला चिकित्सालयोंदाऊ कल्याण सिंह चिकित्सालय और मेडिकल कॉलेज के चिकित्सालय सभी अच्छे चिकित्सकीय संसाधनों से लैस हों। उन्होंने कहा कि पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में अभी भी अनेक नए विभाग लाए जाने की जरूरत है और हम सब को मिलकर इस बात पर चिंतन करने और योजना बनाने की जरूरत है यह मेडिकल कॉलेज पूरे देश का ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का भी उत्कृष्ट मेडिकल कॉलेज बनें।

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालयरायपुर ने 50 वर्षो की इस यात्रा में देश एवं दुनिया में फैले चिकित्सकों की एक श्रृखंला तैयार की है। पिछले 50 वर्षो में बहुत कुछ बदला है। लेकिन वक्त के बदलने पर भी चिकित्सक और उसकी सेवा भावना कभी नहीं बदलती। राज्य बनने के पहले यह क्षेत्र गरीबीपिछड़ापनपलायन एवं क्षेत्रीय असंतुलन के रूप में पहचाना जाता था वहीं अब इसने विकास की लंबी छलांग लगाई है। अधोसंरचना का विकास हुआ है, 56 लाख लोगों को रियायत दर पर खाद्यान्न का वितरण किया जाता हैपलायन रूक चुका हैदेश की तमाम आर्थिक कठिनाईयों के बावजूदराज्य की विकास दर दो अंकों की रही हैयह क्षेत्र आज भी शांति का टापू है। यहां की मिट्टी में साम्प्रदायिक सद्भाव एवं अद्भुत सामंजस्य दिखाई देता है। यह राज्य विकास की उंची छलांग लगाने के लिए तैयार है। उन्होंने चिकित्सा महाविद्यालय के देश-विदेश में बसे भूतपूर्व विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि यदि आप छत्तीसगढ़ आना चाहते हैं तो स्वागत हैयहां आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित नया रायपुर बन रहा हैवायुयान की भी अच्छी सुविधा उपलब्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले जहां छत्तीसगढ़ में केवल एक चिकित्सा महाविद्यालय थावह अब बढ़कर 5 हो गया है और राज्य में4 और चिकित्सा महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने का प्रयास है। इस तरह राज्य में कुल नौ मेडिकल कॉलेज हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि सुझावों के अनुरूप पं. जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय को और बेहतर बनाने के प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले लोग अपने घर-परिवार-समाज में हंस लेते थे लेकिन अब जीवन शैली बदल गई है। हंसने के लिए लाफ्टर’ क्लब आना पड़ता है। उन्होंने फिर से घर-परिवार और समाज के बीच हंसने की आदत वापस लाने पर जोर दिया और कहा कि यदि सभी अपने घर में परिजनों के बीच हंसे एवं खुशी महसूस करें तो अनेक बीमारियों से अपने आप बचा जा सकता है।

स्वास्थ्य मंत्री श्री अमर अग्रवाल ने कहा कि स्वास्थ्य का क्षेत्र समाज सेवा से जुड़ा है। लोग चिकित्सकों को अत्यंत आदरस्नेह एवं कृतज्ञता से देखते हैं। उन्होंने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा के कार्यों एवं उपलब्धियों की जानकारी दी और बताया कि पहले जहां राज्य में शिशु मृत्यु दर 146 थी वह घटकर अब 52-53 रह गई है। राज्य में नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं तथा नागरिकों को शतप्रतिशत स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज का कैंसर यूनिट देश के शीर्ष दो-तीन संस्थानों में से एक है जो अत्याधुनिक तकनीकी के मशीनों से लैस है। कार्यक्रम को पद्मभूषण डॉ. आर. डी. लेले ने भी संबोधित किया और कहा कि स्वास्थ्य के लिए प्रतिबद्धता दिखाते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने हर एक परिवार को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने का जो बीड़ा उठाया हैवह सराहनीय है। महाविद्यालय के भूतपूर्व छात्र डॉ. अनिल वर्मा ने कहा कि हम आज जो कुछ भी हैं इस चिकित्सा महाविद्यालय की बदौलत है। इसी महाविद्यालय से हमें जिंदगी में कठिन परिस्थितियों का सामना करने के लिए जहां ऊर्जासंस्कारआत्मविश्वास एवं ताकत मिली वहीं लगन एवं कर्मठता के गुण भी मिले और इसके लिए हम अपने शिक्षकों के प्रति कृतज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि आज हम सभी यहां गुजरी हुई यादों को तरोताजा करने के लिए एकत्रित हुए हैं। उन्होंने नये विद्यार्थियों से कहा कि अपने अंदर हीनता की भावना न लाएंइस महाविद्यालय के छात्र आज पूरे विदेशों के साथ-साथ देशभर में और छत्तीसगढ़ के दूरस्थ गांवों में भी चिकित्सा के माध्यम से लोगों की अकथनीय सेवा कर रहे हैं। कार्यक्रम के प्रारंभ में डीन डॉ. ए.के. चंद्राकर ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने संस्थान के इतिहासप्रगति एवं चिकित्सा सुविधाओं की जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाललोक निर्माण मंत्री श्री राजेश मूणतसांसद श्री रमेश बैसविधायक डॉ. विमल चोपड़ाविधायक श्री श्रीचंद सुंदरानीडायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन डॉ. सुबीर मुखर्जी के साथ-साथ आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जी.बी. गुप्तापद्म श्री डॉ. टी. के. दाबके और आयोजन सचिव डॉ. मानिक चटर्जी के साथ-साथ बहुत बड़ी संख्या भूतपूर्व छात्र उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अरविंद नेरल ने किया तथा चेयरमेन डॉ. सूरज अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया।