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भाजपा प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कांग्रेस के आर्थिक नाकेबंदी को पूर्णत: फ्लॉप शो बताया है। आर्थिक नाकेबंदी में किसान पूर्णत: गायब रहे और यह केवल कांगे्रस कार्यकर्ताओं तक ही सीमित रह गया। इस आंदोलन को छत्तीसगढ़ के किसानों का समर्थन नहीं मिला। यह साबित हो गया कि छत्तीसगढ़ के किसान प्रदेश के कांग्रेस नेताओं पर कभी विश्वास नहीं करने वाले।
श्री कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ का किसान शुरू से ही भाजपा के साथ जुड़ा रहा है और भाजपा सरकार, जिस प्रकार किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर रही है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि भविष्य में भी किसान भाजपा के साथ में रहेंगे। कांग्रेस पार्टी ने आर्थिक नाकेबंदी का आह्वान किया और किसानों की अनुपस्थिति से यह पूर्णत:
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फ्लॉप शो साबित हुआ। कांग्रेस के तीन वर्ष के कार्यकाल में किसानों की अनदेखी और परेशानी किसी से छूपी नहीं है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने खाद, बीज, किसान ऋण, सिंचाई व्यवस्था, बिजली की सप्लाई और धान खरीदने तक की समुचित व्यवस्था की है। इस प्रकार की व्यवस्था ने किसानों को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान की है और प्रदेश का किसान विकास के पथ पर भाजपा के साथ चल रहा है। कांग्रेस के खोखले दावे और झूठे प्रचार से किसान भ्रमित होने वाला नहीं है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि किसानों को लेकर कांग्रेस ने दो आंदोलन किए। एक आंदोलन अजीत जोगी के द्वारा और दूसरा भूपेश बघेल द्वारा। दोनों ही आंदोलन को किसानों ने नकार दिया है और यह दोनों आंदोलन किसानों के न होकर और कांग्रेस में अपना वर्चस्व साबित करने वाले ज्यादा प्रतीत हो रहे हैं।
प्रदेश भाजपा महामंत्री व प्रवक्ता शिवरतन शर्मा ने कहा कि किसान जानते हैं कि प्रदेश कांग्रेस के नेता कितने पानी में है। केंद्र में छत्तीसगढ़ से एकमात्र कृषि राज्यमंत्री डॉ. चरण दास मंहत के रहने के बावजूद किसानों की आवाज संसद में कभी नहीं गुंजी बल्कि छत्तीसगढ़ को मिलने वाली एक महत्वपूर्ण योजना को भी तत्कालीन कृषि राज्य मंत्री ने दूसरे राज्य को जाने दिया। दूसरी ओर यूपीए के सांसद व मंत्रियों से मिलकर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ही नहीं बल्कि सभी मंत्री व सांसद छत्तीसगढ़ के लिए जनकल्याणकारी योजनाओं को मंजूरी दिलाते हुए उसका क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ में कर लोगों को उसका सीधे लाभ दिलाया। प्रदेश के लोगों को समझ में आ गया है कि कांग्रेसियों की यह नौटंकी केवल अपने अस्तित्व को बचाने के लिए हैं।
भाजपा महामंत्री व प्रवक्ता भूपेन्द्र सवन्नी ने कहा कि केंद्र से नकार दिए जाने के बाद प्रदेश के कांग्रेस के नेता अब खुद को जिन्दा रखने के लिए जनता के बीच जाकर उछल-कूद कर रहे हैं ताकि उनका अस्तित्व बना रहे। किसानों के हितों की चिंता करने वाले कांग्रेसियों के आर्थिक नाकेबंदी रूपी आंदोलन को किसानों ने पूरी तरह से नजरअंदाज कर यह संकेत दिया है कि कांग्रेसी कभी किसी का भला नहीं कर सकते क्योंकि कई धड़ों में बंटे कांग्रेस के नेता आपसी गुटबाजी में ही उलझे हुए हैं। एक धड़े के आंदोलन को दूसरे धड़े का समर्थन नहीं मिलता।
प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि कांग्रेस का आर्थिक नाकेबंदी पूरी तरह से बेअसर साबित हुआ। कांग्रेस को किसानों का साथ नहीं मिला तो वे गिनती के कांग्रेस नेताओं को लेकर महज औपचारिकता निभाते नजर आए। हकीकत तो यह है कि कांग्रेस के आंदोलन से किसानों का कोई लेना -देना नहीं है। यह वक्त तो किसानों को खेत और खलिहान की तैयारी का है वे भला अपना काम छोड़कर कांग्रेस के आंदोलन में क्यों आएंगे। प्रदेश के किसानों का विश्वास प्रदेश की भाजपा सरकार ने जीता है। किसान हितैषी होने का कांग्रेस के नेता केवल ढोंग करते रहे हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं का आर्थिक नाकेबंदी के नाम पर नौटंकी से प्रदेश भर के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। देश और प्रदेश के विकास की बात सोचने के बदले कांग्रेस के नेता किसानों को बरगला कर केवल अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। इसलिए किसानों ने कांग्रसियों को कह दिया ‘न उल्लू बनाइंगÓ। प्रदेश का किसान जानता है कि प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सरकार ने किसानों के लिए क्या किया है। किस तरह से सीमित संसाधनों के बाद भी सरकार ने किसानों के हित पर कुठाराघात नहीं होने दिया बल्कि उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने दिन रात एक कर दिया।
भाजपा प्रदेश किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष संदीप शर्मा ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस के नेता अपनी गिरेबां झांकें फिर आंदोलन करने की सोंचे। पिछले दस सालों में केंद्र में कांग्रेस गठबंधन की सरकार रही तब क्यों किसानों के हक के लिए संसद से सड़क तक आंदोलन करने की नहीं सोची? आज जब देश की जनता ने उन्हें नकार दिया तो उन्हें किसानों के साथ ही आम आदमी की चिंता होने लगी। कांग्रेस के चाल और चरित्र को प्रदेश के किसान भलीभांति जान चुके हैं और अब किसान के किसी के बहकावे में नहीं आने वाले बल्कि वे अब नादानी छोड़कर सयाने हो गए हैं और अपना भला -बुरा समझते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी झूठ की बुनियाद पर सपनों का महल खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष रमेश यदू ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस के नेता विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त से अपनी मानसिक संतुलन खोकर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। प्रदेश की जनता के द्वारा बुरी तरह से नकार दिए जाने के बाद अब ये किसानों को प्रदेश के मुख्यमंत्री और सरकार के खिलाफ भड़काने की जुगत लगा रहे हैं, लेकिन इसमें उन्हें कभी कामयाबी नहीं मिलने वाली। यह सच है कि प्रदेश के मुख्यमत्री डॉ. रमन सिंह जनता दिलों में बसते हैं। उनकी संवेदनशीलता और कार्यशैली से समाज का हर वर्ग परिचित हैं। किसानों का भरोसा जीता है प्रदेश की भाजपा सरकार ने जो कभी टूटने वाला नहीं है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता यशवंत जैन ने कांग्रेस के आर्थिक नाकेबंदी के लिए किए गए आंदोलन को सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का फंडा करार देते हुए कहा कि इसमें भी कांग्रेस के नेता एका नहीं बना सके। दूसरी ओर आम आदमी पूरी तरह से परेशान हुआ। कांग्रेसियों को इतनी भी समझ नहीं है कि कब, कहां, किस मुद्दे पर आंदोलन किया जाना चाहिए। सच तो यह है कि कांग्रेस के आंदोलन में न तो किसान पहुंचे और न ही आम आदमी ने इस ओर ध्यान दिया। कांग्रेस का यह आंदोलन महज नौटंकी ही साबित हुआ। कांग्रेसियों की ऐसी नौटंकियां देख-देख कर प्रदेश के लोग बोर हो चुके हैं।