पशु विभाग ने घर घर मुर्गी पालन कर महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर

अम्बिकापुरदेश दीपक”सचिन”

 

महिला उत्थान,स्व-रोजगार व कुपोषण दूर करने शुरू की थी कवायद

सरकार का सहयोग मिला तो महिलाए बना देंगी बड़ी मुर्गी इंडस्ट्री

सरगुजा में महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से जिला प्रशासन ने पशुपालन विभाग की से एक ऐसा काम किया है जो पूरे प्रदेश के लिए माडल बन चुका है। मुर्गी पालन करना या उसका व्यवसाय करना तो आम बात है लेकिन सरगुजा में पशुपालन विभाग की पहल से यहाँ की महिलाए स्वरोजगार से जुड़ गई है और घर बैठे बिना पूंजी लगाए और कम मेहनत से अच्छा मुनाफ़ा कमा रही है। अम्बिकापुर जिला पंचायत ने रोजगार गारंटी स्कीम से 100 हितग्राहियों के घर में बनवा दिया है पोल्ट्री फ़ार्म और पशु विभाग हितग्राहियों को मुर्गा व मुर्गी उपलब्ध करा कर उन्हें प्रशिक्षण देकर मुर्गी पालन करा रहा है जिससे गाँव की महिलाए अब आत्म निर्भर है और अच्छी कमाई भी कर रही है।

पूर्व कलेक्टर सरगुजा ऋतू सेन ने पशु विभाग के एक प्रोजेक्ट को नया रूप दिया जिससे इस प्रोजेक्ट को आज समूचे प्रदेश में लागू किये जाने की कवायद शुरू हो चुकी है, दरसल अंबिकापुर सकलो में पदस्त पशु चिकित्सक डा चन्द्र कुमार मिश्रा के द्वारा मध्यप्रदेश में ग्रामीणों को आत्म निर्भर बानाने के लिए चल रही कुक्कुट पालन योजना का अवलोकन कर उसे यहाँ भी शुरू किये जाने का प्रस्ताव रखा जिस पर तत्तकालीन कलेक्टर ने रुची दिखाई और इस नए काम को शुरू किया गया, इस योजना में गाँव में रहने वाले लोगो के घरो में जिला पंचायत की सहभागिता से लोगो के घरो में मुर्गी फ़ार्म बनवाया गया। यह मुर्गी फार्म रोजगार गारंटी स्कीम के तहत ग्राम पंचायतो ने बनवाकर हितग्राहियों के सुपुर्द किया। जिसके बाद मुख्य मंत्री कौशल योजना के तहत हितग्राहियों को मुर्गी पालन के लिए प्रशिक्षित किया गया। इस प्रशिक्षण में पशु विभाग की भी सहभागिता रही। प्रशिक्षण के बाद पशु विभाग ने हितग्राहियों को मुर्गी व मुर्गे के ब्रीड वितरित किये और मुर्गियों के दाना दवाई की भी व्यवस्था की जिसके बाद प्रशिक्षित हित्ग्राही मुर्गे मुर्गियों का पालन पोषण कर उन्हें बेच कर लाभ कमा रहे है। इस मुर्गी का एक अंडा 10 रुपये में बाजार में बिकता है साथ ही मुर्गा 250 रुपये से 300 रुपये किलो के भाव से बिकता है लिहाजा अब ये महिलाए कुक्कुट पालन से अच्छा मुनाफ़ा कमा रही है और गाँव में घर बैठे बैठे आत्म निर्भर है। अब इन्हें पैसे कमाने किसी के घर नौकरी नहीं करनी पड़ती है। बहरहाल इस कवायद के पीछे प्रशासन का तीन उद्देश्य था पहला महिलाओं को आत्म निर्भर बनाना, दूसरा रोजगार के साधन उपलब्ध कराना, और तीसरा और सबसे अहम् मकसद था कुपोषण से लड़ाई जिसमे प्रथम चरण में पशु विभाग को सफलता मिलती दिख रही है। जहां इस योजना से सिर्फ महिलाओं को ही जोड़ कर उन्हें आत्म निर्भर बनाया गया है तो वही पुरुषो के साथ साथ अब महिलाओं के हाथ में भी रोजगार है वही इस रोजगार से निकलने वाला अंडा व मांस गाँव के लोग ही खरीद कर खा रहे है लिहाजा अंडा और मांस खाने के बाद निश्चित ही कुपोषण के आंकड़ो के कमी आयेगी। बहरहाल जिला जिला प्रशासन व पशु विभाग की ये सोच वाकई लाजवाब है और कारगार साबित हो रही है।

इस पूरी योजना की ख़ास बात यह है की सरकार की बाकी अन्य योजनाओं की तरह इसमें कोई भ्रष्टाचार या कमीशन खोरी नहीं है, हमारी टीम ने गाव गाँव जा कर खुद लोगो के फ़ार्म देखे उनसे बात की वाकई में काम हुए है लोग रोजगार पाकर खुस है, और भविष्य में इस काम को और बढाने की बात कह रहे है। महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं से हमने बात की तो उन्होंने बता की पशु चिकित्सक चन्द्र कुमार मिश्रा सर की मेहनत से यह सब हो सका है उन्होंने महिलाओं के साथ मिलकर कड़ी मेहनत की है तब जाकर आज महिलाए आत्म निर्भर बन सकी है।

दिव्या…अध्यक्ष महिला स्व सहायता समूह

महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष दिव्या बताती है है की पशुपालन विभाग के प्रयास से हम लोग आत्म निर्भर बन सके है, डॉ मिश्रा सर ने योजना के बारे में बताया और मध्य प्रदेश के रायसेन जिला ले जाकर हम लोगो को दिखाया की कैसे मुर्गी पालन करना है, और पंचायत के द्वारा मुर्गी फ़ार्म बनवा दिया गया है पशु विभाग के द्वारा प्रशिक्षण देने के बाद मुर्गी का बच्चा दिया गया जिससे हम महिलाए अच्छा पैसा कमा रहे है, भविष्य में इस काम को और बड़े पैमाने में किया जा सकता है।

डॉ.सी.के.मिश्रा…पशु चिकित्सक

पशु चिकित्सक डॉ.सी.के.मिश्रा ने बताया की प्रशासन की अंशा के अनुसार इस काम को सहभागिता से किया जाना था जिसके तहत जिला पंचायत के द्वारा रोजगार गारंटी स्कीम के तहत ग्राम पंचायतो के माध्यम से हितग्राहियों के घर में मुर्गी फारम बनवाया गया, और मुख्यमंत्री कौशल विकाश योजना के तहत महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया जिसके बाद पशु विभाग ने महिलाओं को मुर्गी के बच्चे दिए और ये महिलाये मुर्गी के बच्चो को बड़ा कर उन्हें बेचकर के फायदा कमा कर अपना जीवन सुधार रही है।

इसे भी पढ़े –

https://fatafatnews.com/education-awaken-the-imagination-of-the-land-donated-70-dismil/