उपवास है शांति बहाली का आग्रह…शिवराज सिंह चौहान ने भेल दशहरा मैदान में किसानों से की खुली चर्चा
भोपाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज किसानों से सीधा संवाद किया। उन्होंने आज दिन भर भेल दशहरा मैदान में किसानों और उनके विभिन्न प्रतिनिधि मंडलों से खुलकर चर्चा की। किसानों द्वारा बताये गये सुझाव और समस्याओं पर समुचित निराकरण का भरोसा दिलाया। श्री चौहान ने समस्त कार्य उपवास पर रहते हुये किये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किसानों से चर्चा के दौरान कहा कि वे किसानों की समस्याओं के हरसंभव निराकरण के लिये प्रतिबद्ध हैं। उनके सामने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने सौहार्द्रपूर्ण ढ़ंग से अपनी बातें रखी। मुख्यमंत्री ने किसानों को ध्यान से सुना और कहा कि किसानों की मांगों और उनके द्वारा दिये गये सुझावों पर गंभीरतापूर्वक चिंतन करके समुचित कदम उठाये जायेंगे। उन्होंने किसानों से कहा कि वे उनके समर्थन से अभिभूत हैं। उनकी भावनाओं का वे दिल की गहराई से सम्मान करते हैं।
किसानों द्वारा उनके साथ उपवास करने के प्रस्ताव पर आभार ज्ञापित करते हुये श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की जनता उनकी भगवान हैं, उसे कोई कष्ट नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि उनकी एक-एक साँस जनता की खुशी के लिये है। इसलिये यदि कष्ट उठाना है, तो कष्ट वो उठायेंगे। यदि भूखा रहना है, तो वो भूखे रहेंगे। श्री चौहान ने बताया कि उनका उपवास प्रदेश में शांति बहाली के लिये है, वे राज्य को हिंसा की आग में नहीं झोंकने देंगे, इसलिये जब तक शांति बहाली नहीं हो जाती, उनका उपवास जारी रहेगा, क्योंकि यह उपवास प्रदेश को आगे बढ़ाने और शांति के आग्रह के लिये है।
मुख्यमंत्री ने किसानों के प्रतिनिधि मंडलों से चर्चा के दौरान बताया कि खरीफ और रबी की फसलों के लिए एक साथ ऋण देने की व्यवस्था की गई है। किसानों ने बताया कि सरकार द्वारा प्याज की खरीदी गत वर्ष छह रूपए प्रति किलो मूल्य से बढ़ाकर आठ रूपए प्रतिकिलो के मूल्य पर खरीदी से प्रसन्नता है। किसानों ने प्याज खरीदी के लिये और केन्द्र खोले जाने एवं समर्थन मूल्य निर्धारण व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाए जाने की मांग की। किसानों ने कहा कि प्रदेश की फसलों की लागत का नियमित अध्ययन करवा कर उसके अनुसार समर्थन मूल्य का निर्धारण किया जाये। मुख्यमंत्री द्वारा किसानों को बताया गया कि सरकार द्वारा इस कार्य की व्यवस्था की जा रही है, जिससे किसानों को लाभकारी मूल्य मिल सकें।
किसानों द्वारा फसलों के मूल्य के भुगतान में विलंब की समस्या भी बताई गई। किसानों को बताया गया कि भुगतान के लिये 50 प्रतिशत नगद और शेष आरटीजीएस/एनईएफटी आदि के द्वारा भुगतान प्रतिदिन करने की व्यवस्था की गई है। किसानों द्वारा काबुली (डालर) चने के प्रमाणीकरण की व्यवस्था करवाने की मांग की गई। उन्होंने बताया कि प्रमाणीकरण व्यवस्था हो जाने से डालर चने पर लाभकारी मूल्य मिलने लगेगा। किसानों द्वारा बताया गया कि समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की देश में पहली बार मध्यप्रदेश में खरीदी होने से किसानों में भारी प्रसन्नता है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान से चर्चा करने वाले श्री देवनारायण पटेल के नेतृत्व में राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ, केदार पटेल के नेतृत्व में किसान सेना, दिलीप सिंह पवार के नेतृत्व में किसान शोषण विरोधी मंच, केदार सिरोही के नेतृत्व में आम किसान युनियन और विश्व हिन्दू परिषद, शिवसेना, भारतीय मजदूर संघ गुना, भारतीय किसान संघ शाजापुर, भारतीय किसान संघ इंदौर एवं पाटीदार समाज संगठन सहित अनेक प्रतिनिधिमंडलों ने उनके सामने खुलकर अपनी बात रखी।
इसी तरह श्री राधेश्याम यादव ब्यावरा, सुंदर पाटीदार तुमड़ी भोपाल, बीरालाल अहिरवार सिलवानी, अख्तर कुरैशी विदिशा, शिवलाल धाकड़ रायसेन, अशोक चौहान सीहोर, दौलतराम खटीक विदिशा, मोतीलाल बैरसिया भोपाल, देवेन्द्र यादव गंजबासौदा, घनश्याम पाटीदार मुगलिया छाप, दुर्गाप्रसाद धाकड़ पचोर, आजाद सिंह गुर्जर अहमदपुर, रामप्रसाद मंडल चौपड़ा बैतूल एवं शंकर बारेला के नेतृत्व में गुना के किसान प्रतिनिधि मंडल ने चर्चा की। इसी तरह जावर, बरेली, आगर, सारंगपुर, शाजापुर, राजगढ़, कुरावर, बेगमगंज, रायसेन, शुजालपुर, जमुनिया, चाचौड़ा, गुना, सेमरा दांगी आदि स्थानों के किसानों, उनके प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक कई सुझाव दिये।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को चर्चा के लिये खुला आमंत्रण दिया था। वे चर्चा के लिये दिनभर भेल दशहरा मैदान में उपलब्ध रहे। वे किसान आंदोलन के दौरान घटी घटनाओं से अत्यंत द्रवित हैं। उन्होंने शांति बहाली के लिये उपवास भी रखा हुआ है। इस दौरान जनप्रतिनिधिगण एवं वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित रहे। श्री चौहान ने यहीं पर नियमित सरकारी काम-काज भी किया।