जहां आज भी पिछड़ी सोच के चलते कुछ लोग लड़कियों को पढ़ाना ज़रूरी नहीं समझते, वहीं एक महिला ने पढ़ाई के लिए ऐसा समर्पण दिखाया कि देखने वाले भी दंग रह गए। बिहार की रंजू कुमारी को बीएड परीक्षा से कुछ देर पहले प्रसव पीड़ा हुई, उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. डिलीवरी होने के डेढ़ घंटे बाद ही वो परीक्षा देने मुजफ्फरपुर के महंत दर्शन दास महिला कॉलेज पहुंच गई।
डॉक्टर भी इसके लिए तैयार नहीं थे कि वो प्रसव के तुरंत बाद परीक्षा दें। लेकिन फैसला कर चुकी रंजू अपना साल बर्बाद नहीं करना चाहती थी। रंजू के हौसले को देखते हुए परीक्षा देने की व्यस्था उसी एंबुलेंस में कर दी गई, जिस एंबुलेंस से वो कॉलेज गई थी। इस दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता के लिए एग्ज़ाम निरीक्षक ने भी रंजू के साहस की सराहना की।
परीक्षा के लिए आधा घंटा लेट पहुंची रंजू की हालत उस वक़्त कुछ ऐसी थी कि नाक में ऑक्सीजन का पाइप लगा था और मुंह से आवाज़ निकलना भी मुश्किल हो रहा था, लेकिन आंसर शीट पर उसकी कलम चल रही थी।
रंजू अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए ये परीक्षा देना चाहती थीं. वो मानती हैं कि बेहतर शिक्षा पा कर वो अपने बच्चों की परवरिश बेहतर तरीके से कर पाएंगी।[highlight color=”blue”] आज रंजू की हिम्मत को पूरा देश सलाम कर रहा है. पढ़ाई के लिए रंजू का समर्पण सभी महिलाओं के लिए प्रेरणादायक है।[/highlight]