किशोरावस्था में प्रवेश करने के साथ ही गांव के एक सेक्स वर्कर को कुछ पैसे देकर बच्चियों का रेप कराते हैं। इस कुप्रथा को मलाविया में ‘सफाई’ के नाम से जाना जाता है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है सफाई के नाम पर आरोपी शख्स बच्चियों को एचआईवी बांट रहा था। स्थानीय मीडिया में जोर शोर से इस कुप्रथा का विरोध हुआ जिसके बाद वहां के राष्ट्रपति ने आरोपी को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। अरोपी ने अपने कुकृत्य के बारे में बखान करते हुए यह भी बताया था कि वह बच्चियों का रेप करने से पहले क्या-क्या करता है।
हाइना को लोग किराए पर तब लेते थे जब कोई बच्ची 12 साल की उम्र में पहुचती थी या कोई महिला गर्भ गिराने का अपराध करती थी। गर्भ गिराने वाली महिलाओं का सजा के तौर पर हाइना से रेप कराया जाता था। लेकिन हैरानी की बात यह है कि हाइना जिन कुंवारी लड़ियों के साथ जोर जबरदस्ती से उनका रेप कर करता था उनके घर वाले इसे अपराध नहीं मानते थे। बल्कि इसके बदले उसे दो यूरो से तीन यूरो एक रेप बदले देते हैं
गांव वालों ने हाइना को जिम्मेदारी दे रखी है कि वह कौमार्यता से गुजर रही लड़कियों पर नजर रखे, जैसे ही कोई लड़की पहली बार मासिक धर्म की अवस्था में होती है वैसे हाइना उस किशोरी का रेप करता था। प्रथा के अनुसार मासिक धर्म वाली किशोरी से पीरियड्स के पहले तीन दिन में ही शारीरिक संबंध बनाना होता है।
उसने बीबीसी को एक लकड़ी दिखाई और बताया कि वह लड़कियों से साथ संबंध बनाने से पहले इस जड़ी बूटी को पानी में मिलाकर पीता है। उसे पता है कि वह एचआई पॉजिटिव है इसके बाद भी उसे ऐसा करने के लिए कोई बुलाता था तो खुशी के साथ बच्चियों का रेप करने चला जाता था।