बड़ी खबर सामने आई है कि जिन बच्चों की फीस जमा नहीं हुई है उन्हें निजी स्कूल एसोसिएशन द्वारा 8 सितंबर से नहीं पढ़ाया जाएगा। कोरोना काल में नए सिरे से बच्चों की शिक्षा सुरु की गई थी जिसमें सरकारी और प्राइवेट दोनों ही स्कूलों के द्वारा ऑनलाइन क्लास लिए जा रहे है किन्तु कोरोना के कारण 7 -8 महिनों से सभी की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है। इस समय उन माता पिता के लिए बहुत बड़ी चुनौती सामने आई है जिनके बच्चे किसी प्राइवेट स्कूल में अध्ययन रत थे। प्राइवेट स्कूलों के द्वारा ये फैसला उनकी समस्याओं को और भी बढ़ा रहा है क्यूंकि एक तरफ घर का खर्च चल पाना ही मुश्किल है वहीँ वो बच्चों के भविष्या को लेकर भी लापरवाही नहीं कर सकते। इस स्थति में निजी स्कूल वालों का ये फैसला उनके सामने चुनौतियां खड़ी कर रहा है। जिसका विरोध प्रदेश स्तर पर किया जा रहा है इसके लिए संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने भी अभिभावकों का समर्थन किया है