सावधान! बूस्टर डोज के नाम पर आ रही फर्जी कॉल, OTP से लगा रहे बैंक में सेंध, पढ़ें पूरा मामला

नई दिल्ली. देशभर में 10 जनवरी से शुरू हुए बूस्टर डोज़ अभियान के साथ ही साइबर ठगों ने ठगी का अब नया तरीका अपनाया है. बूस्टर डोज के नाम पर साइबर ठग फर्जी कॉल कर लोगों से ओटीपी नंबर ले उनके बैंक खातों में सेंध लगा रहे हैं. गुरुग्राम में साइबर ठग लोगों को फोन कर कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट से बचाव के लिए टीके का बूस्टर डोज लगवाने का झांसा दे रहे हैं. पंजीकरण कराने के लिए मोबाइल पर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) भेजते हैं.

यह ओटीपी बताते ही खाते से पैसे निकाल लिए जा रहे है. ऐसे में सभी जिलावासियों को सतर्कता बरतने की जरूरत है. कोविड 19 की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे वेक्सीनेशन अभियान के नाम पर लोगों के साथ साइबर फ्रॉड कर उनको आर्थिक चपत लगाई जा रही है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में गुरुग्राम जिला में अभी ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है. लेकिन फिर भी हम सभी को एहतियातन सतर्क रहने की जरूरत है.

डॉ. यादव ने कहा कि साइबर ठग ई मेल, मैसेज भेजकर कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से बचाव के लिए बूस्टर डोज की सलाह दे रहे हैं. इसके लिए बूस्टर डोज के रजिस्ट्रेशन का लिंक भेजा जाता है. फिर आपकी डिटेल भरवाकर लिंक को क्लिक और ओटीपी शेयर करने को कहते हैं. देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं.

गुरुग्राम में ही नहीं बल्कि दूसरे शहरों में भी कॉल करने वाले खुद को स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी बताते हैं. इसके बाद वह पूछते हैं कि आप को कोविड की दूसरी डोज लगी है या नहीं. जैसे ही सामने वाला व्यक्ति दूसरी डोज की बात कहता है. इसके बाद बताया जाता है क्या आप ओमिक्रॉन से बचने के लिए तीसरी डोज लगाने के इच्छुक हैं. हां का जवाब देते ही मोबाइल पर साइबर क्राइम करने वालों की तरफ से ओटीपी भेजा जाता है. तत्काल इस ओटीपी को जानने के लिए उधर से कहा जाता है कि आप का रजिस्ट्रेशन हो गया है ओटीपी बताएं. ओटीपी बताते ही खाते से पैसे गायब कर दिए जाते हैं.

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बूस्टर डोज के लिए कोई काल नहीं की जा रही है. सभी लोग ऐसी काल से सावधान रहें. यह बूस्टर डोज स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंट लाइन वर्कर्स सहित 60 साल से ऊपर की उम्र के उन लोगों को लगाई जा रही है जो गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है. बूस्टर डोज़ दूसरी डोज के तकरीबन 9 महीने बाद लगाई जाती है व इसके लिए कोविन एप पर रजिस्ट्रेशन जरूरी है. लेकिन किसी भी व्यक्ति को कोई कॉल नहीं किए जाते है. इसलिए जिला प्रशासन की तरफ से लोगों से यही अपील की जा रही है कि वह सतर्क रहें और ऐसे फर्जी कॉल से बचे.