जांजगीर-चांपा (संजय यादव)...लोकसभा चुनाव का माहौल अब पूरी तरह बन चुका है. प्रत्याशी घर घर जाकर जनसंपर्क करना शुरू कर दिए हैं. 12 अप्रैल से नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. जांजगीर चांपा लोकसभा की बात करें तो प्रदेश का एकमात्र अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित सीट होने के कारण पूरे प्रदेश का हाई प्रोफाइल सीट हो गया है. इस सीट से इस बार कांग्रेस पार्टी से पूर्व मंत्री शिव डहरिया चुनाव मैदान में है, तो भारतीय जनता पार्टी से श्रीमती कमलेश जांगड़े को चुनाव में उतारा गया है वही बहुजन समाज पार्टी से पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष रोहित डहरिया को टिकट दिया गया।
जांजगीर चांपा लोकसभा सीट में सबसे ज्यादा वोटर अनुसूचित जाति वर्ग से है उसके बाद दूसरे नंबर पर ओबीसी वर्ग के वोटर हैं. लोकसभा में अगर अनुसूचित जाति वर्ग के वोटरों की बात करें तो यह तीनों प्रत्याशीयों में बट जाने की वजह से अब प्रत्याशियों का जीत हार का फैसला ओबीसी वोटर करेंगे. क्योंकि इस सीट में ओबीसी वोटरों का झुकाव जिस प्रत्याशी की ओर ज्यादा होगा उसी प्रत्याशी की जीत तय मानी जा रही. इसलिए जांजगीर चांपा लोकसभा सीट से ओबीसी वोटरों को बड़ा महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि ओबीसी वोटर ही निर्णायक भूमिका में रहेंगे।
तीनों पार्टी के प्रत्याशी अपने जनसंपर्क के दौरान ओबीसी वोटरों को साधने की कोशिश में लगे हुए हैं .देखना होगा कि ओबीसी वोटरों का रुझान किस पार्टी की ओर जाता हैं. हालांकि विधानसभा 2023 की बात करें तो जांजगीर चांपा जिले में तीन विधानसभा सीट है जिसमें तीनों में कांग्रेस का कब्जा है वही जांजगीर चांपा लोकसभा की बात करें तो 8 विधानसभा आता है जिसमें सभी में कांग्रेस पार्टी की विधायक मौजूद है. इसलिए यह सीट भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनौती बना हुआ हैं. जांजगीर चांपा लोकसभा के तीनो विधानसभा जांजगीर चांपा, सक्ति, जैजैपुर, चंद्रपुर में ओबीसी वर्ग से कांग्रेस के विधायक काबिज है इसलिए अभी कांग्रेस का पलड़ा थोड़ा भारी नजर आ रहा हैं. हो सकता है आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी की बड़े स्टार प्रचारक आने के बाद माहौल बदल जाए।
हालांकि अभी तीनों प्रत्याशियों के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिल रहा है. जांजगीर चांपा लोकसभा चुनाव किसी एक प्रत्याशी की ओर जाते नहीं दिख रहा है, भले ही भाजपा दावा कर रही है इस लोकसभा में मोदी की गारंटी काम करेगी, वही दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी का भी दावा है कि, हमारे आठ विधानसभा में कांग्रेस के विधायक है जिसका फायदा हमको मिलेगा. वही बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी रोहित डहरिया को अपने कैडर वोटरों पर ज्यादा भरोसा है।