अम्बिकापुर
दीपो का पर्व दीपावली जिलेभर में हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया । लोगो ने पूजा अर्चना व आतिशबाजी कर त्यौहार की खुशियां मनाई । बम पटाखों की आवाज से पूरा शहर रातभर गूजता रहा । दीपावली की रात मान्यतानुसार अधिकांश व्यावसायिक संस्थानों में देर रात तक लक्ष्मी पूजा किया । लोगो ने अपने घरो में भी लक्ष्मी की पूजा अर्चना की । बच्चे पटाखें फोडते रहे वही महिलाएं तथा युवतियां रंगोली से घरों को सजाने मे लगी रही । लोग रातभर आतिशबाजी व पूजन कार्यक्रम में मशगूल रहे ।
इस वर्ष दीपावली पर्व पर डेढ़ करोड़ के पटाखे फूटे है। जानकारों के अनुसार सामान्य दिनों में शहर में ध्वनि का मानक 35 से 40 डेसीबल रहता है लेकिन धूम धडाके में शहर का ध्वनि मानक 70 से 90 डेसीबल से उपर हो गया था । पर्यावरणविद् के अनुसार पटाखों के सफेद धुए से सल्फर डाई आक्साइड एवं नाइट्रोजन डाई आँक्साइड़ वातावरण में जहर घोलते है , जिससे बच्चो , बुजूर्गो एवं महिलाओं को काफी परेशानी होती है। इस संबध में सुप्रीम कोर्ट ने कुछ वर्ष पूर्व मानक व समय को लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए थे । जिसका पालन पुलिस विभाग को को सख्ती से किया जाना था । इसके विपरीत कुछ पुलिस वाले स्वयं देर रात तक आतिशबाजी में व्यस्त रहे
शहर के प्रमुख बाजार रहे विरान दीपावली के दूसरे दिन शहर के अधिकांश व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे जिससे शहर में विरानी छाई रही । देर रात तक चली आतिशबाजी के कचरे शहर में चारों तरफ बिखरे नजर आ रहे थे । जिसमे छोटे -छोटे बच्चे अपने लिए पटाखा खोजते दिखे । पूरे रात में काली मां की भी पूजा की जाती है जिसकी वजह से भी लोग दूसरे दिन काम करना पसंद नहीं करते है। अधिकांश व्यसायिक प्रतिष्ठान आज बंद रही और शहर में बहुत कम लोग नजर आए व्यवसायी अपने परिवार वालो के साथ समय व्यतीत कर थकान मिटा रहे थे ।